मध्य प्रदेश विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव, रात एक बजे तक चली बहस

भोपाल- मध्य प्रदेश विधानसभा में शिवराज सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लाए पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर रात एक बजे तक चर्चा हुई। इस दौरान सदन में तीखी नोकझोंक और बीच-बीच में हंगामा भी होता रहा। सदन में जय श्री राम और जय जय सियाराम के नारे भी गूंजे। कांग्रेस ने मां सीता पर मंत्री मोहन यादव के बयान पर विरोध जताते हुए वॉकआउट कर दिया।

देर रात कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर आए और गांधी प्रतिमा के पास एकत्र होकर धरने पर बैठ गए। गांधी प्रतिमा के सामने बैठकर कांग्रेस सदस्यों ने मंत्री मोहन यादव के खिलाफ नारेबाजी की साथी ही राम धुन भी गाई। विधानसभा में कांग्रेस मांग कर रही थी कि मंत्री मोहन यादव अपने विवादित बयान को लेकर देशभर से माफी मांगें।

विपक्षी सदस्यों ने सूबे में कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, विपक्षी दलों के विधायकों के खिलाफ भेदभाव, महिलाओं और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार, किसान की बढ़ती समस्याओं और अन्य मुद्दों पर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि विपक्ष किसी ठोस मुद्दे के साथ आने में विफल रहा है। भाजपा नेताओं ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाया है। निर्वाचित प्रतिनिधियों की शक्ति छीनकर और उन्हें अधिकारियों को देकर पंचायती राज की शक्तियों को समाप्त कर दिया है।

कसरावद विधायक सचिन यादव ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सदन की अवमानना का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि जब विधानसभा में कृषि मंत्री ने कर्जमाफी को स्वीकार किया था तब बाहर और सदन में झूठ क्यों बोलते है कि कर्ज़ माफी नहीं हुई। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने कृषि मंत्री कमल पटेल की पत्नी रेखा बाई का 45 हजार 428 ऋण माफ किया है। सीएम शिवराज सिंह के परिजनों रोहित सिंह, निरंजन सिंह, कावेरी बाई, ताहर सिंह अन्य लोगों के कर्ज माफ किया है।

हंगामा और कांग्रेस के वॉकआउट के बाद सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई। संसदीय कार्य मंत्री डॉ, नरोत्तम मिश्रा ने कहा है सीएम शिवराज सिंह गुरुवार को सदन में अपना वक्तव्य देंगे।