गुना पहुंचा मप्र कांग्रेस का दल, जुटाए तथ्य, पीडि़त परिवार को भोपाल बुलाने कहा

-गुना में जमीन खाली कराने गए पुलिस व प्रशासनिक अफसरों द्वारा गरीब दलित किसान परिवार की बेहरमी से पिटाई किए जाने का मामला

-फसलों पर चलवा दी थी जेसीबी, जिसके बाद पीडि़त परिवार ने खा लिया था जहर

भोपाल. मध्यप्रदेश कांग्र्रेस कमेटी द्वारा गठित किया जांच दल शुक्रवार को गुना जिले के जगनपुर चक में हुई घटना की जांच करने पहुंचा. मौकास्थल पर पहुंचे सदस्यों ने यहां पर मामले के बारे में तथ्य जुटाए. फिर सभी सदस्य जिला अस्पताल में भर्ती पीडि़त परिवार से मुलाकात करने गए. हर संभव मदद का भरोसा दिया. जांच समिति में के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा बनाई गई जांच समिति मे पूर्व मंत्री बाला बच्चन, कार्यवाहक प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास रावत, सुरेन्द्र चौधरी, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह, पूर्व विधायक फूल सिंह बरैया, विधायक हीरा अलावा शामिल रहे. इस दौरान उन्होंने पीडि़त परिवार के सदस्यों से बातचीत कर हरसंभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया.

डरने की नहीं जरूरत, कांग्रेस करेगी मददः
जिला अस्पताल पहुंचे कांग्रेस के जांच दल सदस्यों ने पीडित दंपती से मुलाकात कर स्वास्थ्य का हाल जाना। कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने उन्हें किसी से भी नहीं डरने का आश्वासन दिया. जल्द भोपाल बुलाने की बात कही। प्रतिनिधि मंडल ने पीडि़त परिवार पर बर्बर कार्रवाई करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों पर एफआईआर कराने की मांग की. इस मौके पर पूर्व मंत्री एवं राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह ने बताया कि प्रतिनिधि मंडल ने पीडि़त परिवार से मुलाकात की है। पीडि़त परिवार की मां शिकायत दर्ज कराने गई थी, लेकिन उन पर उल्टी एफआईआर दर्ज करा दी। हमारी मांग है कि जिन लोगों ने इनके साथ मारपीट की है उन पर एफआईआर होना चाहिए। यह गरीब लोग जिनके पास जमीन नहीं है, उन्होंने तो बटाई पर गब्बू पारदी से जमीन ली थी।

इधर भाजपा नेता और विधायक भी पहुंचे पीडि़त परिवार से मिलनेः

इधर, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया पीडि़त किसान परिवार से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे. सिसौदिया ने अस्पताल जाकर पीडि़त किसान और उसकी पत्नी से मुलाकात की. इस दौरान सिसौदिया के पास राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी फोन आया. उन्होंने फोन पर किसान की पत्नी से बात की. साथ ही कहा कि पुलिसिया कार्रवाई के बाद हमने तुरंत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की है. उसके बाद सभी अधिकारियों को वहां से हटा दिया गया है.किसान की पत्नी ने सिंधिया से कहा कि उल्टे मेरे ही ऊपर एफआईआर हो गयी है. इस पर सिंधिया ने कहा कि कुछ नहीं होगा.तुम चिंता नहीं करो, मैं हूं ना. इस मौके पर पीडि़ता ने इस पर कहा कि हमारे छोटे-छोटे 6 बच्चे हैं। कुछ जमीन की व्यवस्था करवा दो.जिस पर सिंधिया ने उन्हें आश्वासन दिया.

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