राजोरा कमेटी की जांच रिपोर्ट पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, CBI जांच की मांग

मुरैना जहरीली शराब मामले में अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ए सांई मनोहर, सदस्य उप पुलिस महानिरीक्षक मिथिलेश शुक्ला की तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने जो रिपोर्ट शिवराज सरकार को सौंपी है, उस पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. 

भोपाल: मुरैना जहरीली शराब मामले में जांच कमेटी के अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव राजेश राजोरा ने रविवार देर रात सरकर को रिपोर्ट सौंप दी. इस जांच रिपोर्ट में प्रदेश में अवैध शराब बनने और बाहरी राज्यों से शराब की खेप आने पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को सुझाव दिए गए हैं.

मुरैना जहरीली शराब मामले में राजोरा कमेटी की जांच रिपोर्ट में निम्म बातों का उल्लेख किया गया है…

1 . जांच रिपोर्ट में वर्तमान आबकारी कानून के प्रावधानों को कमजोर बताया गया है.
2 . रिपोर्ट में कहा गया है कि अवैध शराब का कारोबार करने वालों पर धारा 134 में करवाई की जाती है, जिसमें तत्काल जमानत हो जाती है. 
3. ऐसे में एक-एक आदमी पर 30.40 तक मुकदमे दर्ज हैं. लेकिन वे अवैध कारोबार जारी रखे हुए हैं.
4 . राजोरा जांच कमेटी ने शिवराज सरकार को मध्य प्रदेश के आबकारी कानून को उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों की तरह सख्त बनाने का सुझाव दिया है.
5 . आबकारी नीति में भी संशोधन करने की बात जांच रिपोर्ट में कही गई है.
6 . रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान आबकारी नीति में बड़े ठेकेदारों को 2 से 3 जिलों के ठेके दिये हैं, ऐसे में वे लोग अपनी मोनोपॉली बनाकर एमआरपी से ज्यादा रेट पर शराब बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं.
7 . राजोरा जांच कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि शराब महंगी होने का फायदा अवैध शराब का कारोबार करने वाले उठा रहे हैं, वे अवैध शराब बनाकर गरीबों को सस्ते दाम पर दे रहे हैं. 
8 . रिपोर्ट में कहा गया है कि आबकारी नीति में ज्यादा टैक्स लगाए जाने के कारण प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में शराब महंगी है. 
9. इससे हरियाणा सहित अन्य राज्यों से प्रदेश में अवैध शराब आ रही है.
10 . राजोरा जांच कमेटी ने शासन को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मध्य प्रदेश मेंआबकारी टैक्स में संशोधन करने की जरूरत है.

कांग्रेस को राजोरा कमेटी की जांच पर भरोसा नहीं, CBI जांच की मांग

मुरैना जहरीली शराब मामले में अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ए सांई मनोहर, सदस्य उप पुलिस महानिरीक्षक मिथिलेश शुक्ला की तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने जो रिपोर्ट शिवराज सरकार को सौंपी है, उस पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की है. 

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि जो जांच कमेटी गठित की गई है उसकी रिपोर्ट से साफ लगता है कि जहरीली शराब मामले के जो बड़े आरोपी हैं उनको बचाया जा रहा है. सारा ठीकरा आबकारी कानून को कमजोर बताकर उस पर फोड़ दिया गया है. उन्होंने कहा कि मुरैना जहरीली शराब मामले में 24 लोगों की जान गई है. इसलिए इस घटना के आरोपियों को फांसी की सजा मिलना चाहिए. इसलिए मामले की सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए.

मुरैना शराब कांड का मुख्य आरोपी चेन्नई से गिरफ्तार किया गया

इस बीच मुरैना शराब कांड का मुख्य आरोपी मुकेश किरार को चैन्नई से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसे चेन्नई से मुरैना लाने के लिए एक पुलिस दल भेजा गया है. दो दिन में वह मुरैना आएगा. पुलिस मुकेश किरार से यह जानेगी कि वह जहरीली शराब कहां बनाई गई थी, किसने भिजवाई थी जिसको पीकर 24 लोगों की मौत हुई. आपको बता दें कि लैब जांच में पुष्टि हुई है कि मिथाइल अल्कोहल वाली शराब पीने से 24 की मौत हुई, 26 का इलाज चल रहा है. मुख्य आरोपी समेत तीन आरोपी पुलिस गिरफ्त में हैं. चार अन्य आरोपियों की पुलिस को तलाश है.

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