पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा पर करोड़ों रुपए जनता का खर्च करने के बाद भी नहीं मिला कोई नया निवेश, फिर किस बात का जश्न मना रही है भाजपा ?

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने शनिवार को स्वदेश वापसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज़ोरदार स्वागत किया, हालांकि वह अमेरिका के साथ बहुप्रचारित व्यापार समझौता नहीं कर पाए. साथ ही, ‘हाउडी, मोदी!’ कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मोदी के दोस्ताना संबंधों के खुले प्रदर्शन के बावजूद उनके बीच कश्मीर का मुद्दा और अधिक उलझ गया है.

अमेरिका के अपने हफ्ते भर के दौरे में व्यापार के विवादित मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी वास्तव में कुछ भी हासिल करने में नाकाम रहे. जबकि निश्चय ही व्यापार दोनों देशों के रिश्तों में एक बड़ा अवरोध है, और दोनों पक्षों के बीच विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भी व्यापार विवादों पर लड़ाई जारी है.

कश्मीर मुद्दा और अधिक उलझा
कश्मीर मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री मोदी अपने ‘मित्र’ ट्रंप से ज़्यादा कुछ हासिल नहीं कर पाए. ट्रंप जहां कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने की रट लगाते रहे, वहीं अमेरिका ने भारत से जम्मू कश्मीर में पाबंदियों में ढील देने के लिए ‘त्वरित कार्रवाई’ करने और वहां ‘यथाशीघ्र’ चुनाव कराने की मांग भी कर डाली.

अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि अमेरिका के लिए आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान से बड़ी चिंता ईरान है. मोदी के सामने ही ट्रंप ने ये भी कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री की अपने पाकिस्तानी समकक्ष इमरान ख़ान से ‘अच्छी निभेगी’, जब भी दोनों मिलेंगे.

प्रधानमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी की ट्रंप से ये तीसरी मुलाकात थी. पर ये उम्मीदों के विपरीत साबित हुई क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात में राष्ट्रपति ट्रंप की आखिरी टिप्पणी थी: ‘मैं समझता हूं प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री ख़ान जब परस्पर मिलेंगे तो उनमें अच्छी निभेगी. मुझे लगता है उस मुलाकात से बहुत-सी अच्छी बातें निकलेंगी.’

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