मंत्री तुलसी सिलावट और उनकी पत्नी की संपत्ति मात्र 20 महिने में हजार गुना से अधिक बढ़ी

  • नामांकन के साथ सिलावट द्वारा जमा शपथ पत्र के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा के एक खाते में 2018 विस चुनाव के समय 7 हजार 440 रुपए थे, उसमें अब 39.88 लाख जमा हैं। 16 लाख का बैंक लोन भी।
  • पत्नी के एक खाते में पांच लाख 77 हजार थे, जो 17 लाख 95 हजार हो गए। पत्नी के पास 15.86 लाख व उनके पास पौने दो लाख के जेवर हैं।
  • बीते चुनाव में कृषि भूमि, दुकान, घर सहित अचल संपत्ति 5.68 करोड़ थी। इस बार 6.08 करोड़ की हो गई।
  • इस बीच सालाना आय साढ़े छह लाख से बढ़कर 11 लाख हो गई।

उपचुनाव के लिए मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बुधवार को दो नामांकन दाखिल किए। पहला नामांकन भरते वक्त शुभ मुहूर्त का खास ख्याल रखा गया। जबकि दूसरी बार नामांकन से पहले रैली निकाली गई। नामांकन रैली में बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री ऊषा ठाकुर समेत सिलावट के पूर्व प्रतिद्वंदी बीजेपी नेता राजेश सोनकर भी मौजूद थे। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सांवेर में बीजेपी की जड़ें मजबूत हैं। कार्यकर्ताओं का जोश देखकर उन्होंने तुलसीराम सिलावट की जीत का दावा किया है।

नामांकन के वक्त सिलावट के साथ पिछली बार के विरोधी रहे राजेश सोनकर उनके साथ चलते रहे। वो दोनों बार तुलसी सिलावट का नामांकन दाखिल कराते वक्त भी उनके साथ रहे। और मंच पर भी साथ ही दिखे। राजेश सोनकर 2018 के चुनाव में सिलावट के खिलाफ बीजेपी के टिकट पर चुनाव हार गए थे।

बीजेपी के टिकट पर पहली बार मैदान में उतरने वाले तुलसी राम सिलावट को 50 हजार से ज्यादा वोटों से जिताने का संकल्प लिया गया है। इस मौके पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तुलसीराम सिलावट को लड्डुओं से तौला। पहला नामांकन भरते समय कोई तामझाम नहीं किया गया। शुभ मुहूर्त के अनुसार सिलावट ने सादगी से पर्चा दाखिल किया। जबकि दूसरा नामांकन भरने से पहले बाकायदा रैली निकाली गई और सभा का आयोजन किया। इस दौरान कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ीं। बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं ने पीले चावल बांटे। हर-हर मोदी, घर-घर तुलसी का नारा लगाया गया और सिलावट को जिताने की अपील की गई।

 सांवेर से कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू 15 अक्टूबर को महाकाल के दर्शन के बाद फार्म भरेंगे। जबकि बसपा प्रत्याशी विक्रम गेहलोत सोमवार को पर्चा दाखिल कर चुके हैं। सांवेर सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर होने जा रही है। कांग्रेस औऱ बीजेपी नेताओं ने पार्टी बदली है और अब बदली हुई पार्टियों से चुनाव मैदान में हैं।

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