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मनुआभान टेकरी में 12 साल की छात्रा के साथ बलात्कार के बाद हत्या के मामले की जांच सीबीआई करेगी

भोपाल. नाबालिग से रेप (Rape) और हत्या (Murder) के असली गुनहगार आज भी आजाद घूम रहे हैं. पिछले साल मनुआभान टेकरी के पीछे तेरह साल की छात्रा से बलात्कार के बाद हत्या के दो आरोपी डीएनए रिपोर्ट में अब तक बेगुनाह साबित हो चुके हैं. जिससे भोपाल पुलिस (Bhopal Police) की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है. अलग-अलग लेब में भोपाल के बाद सागर फिर हैदराबाद और अब दिल्ली फोरेंसिक लैब से आई डीएनए रिपोर्ट पूरी तरह से निगेटिव बताई गयी है. इस मामले में पुलिस ने जिन दो आरोपियों को जेल भेजा है. उन्हीं की रिपोर्ट निगेटिव आयी है, जिससे लग रहा है कि असली गुनहगार अभी भी आजाद है.
राजधानी भोपाल के कोहेफिजा थाना क्षेत्र स्थित मनुआभान टेकरी के पीछे आठवीं की छात्रा की बलात्कार के बाद हत्या के मामले में दोनों आरोपी जस्टिन राज और अविनाश साहू बेगुनाह हैं. यह बात डीएनए रिपोर्ट कह रही है. जिसमें अबतक भोपाल फिर सागर फिर हैदराबाद और अब दिल्ली फोरेंसिक लैब से आई डीएनए रिपोर्ट में निगेटिव तथ्य आने से ये खुलासा हुआ है. अब ऐसे में पुलिस की तफ्तीश पर सवालिया निशान खड़ा हो जाता है कि तीन फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद आखिर छात्रा के साथ बलात्कार के बाद हत्या किसने की? क्या असली आरोपी आजाद घूम रहे हैं.
मनुआभान टेकरी में 12 साल की छात्रा के साथ बलात्कार के बाद हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन छात्रा को न्याय दिलाने वाली गुत्थी उलझकर रह गई है. यह प्रकरण उन चंद प्रकरणों में से एक है, जो फास्टट्रैक कोर्ट की दहलीज पर पहुंचे और 45 से 90 दिन के अंदर दरिदों को फांसी हुई. लेकिन मनुआभान टेकरी वाले मामले में करीब डेढ़ साल बाद राजधानी पुलिस के अफसर सबूत-साक्ष्यों में खाली हाथ नजर आ रहे हैं. मनुआभान टेकरी के पीछे छात्रा की बलात्कार के बाद हत्या के जुर्म में पुलिस की चालान डायरी में बनाए गए आरोपी जस्टिन राज औऱ अविनाश साहू देश की राजधानी दिल्ली फोरेंसिक लैब से आई डीएनए रिपोर्ट के आधार पर फिहलाल सलाखों के पीछे अपने बे-गुनाह होने की बांट जोह रहे हैं.
पुलिस ने इस घटना में 45 गवाह बनाए हैं. पूरी तफ्तीश कर 16 जून 2019 को चालान कोर्ट में पेश किया था. पुलिस अगर तीनों जगह की निगेटिव डीएनए रिपोर्ट को न्यायालय में पेश कर देती है तो निश्चित ही दोनों आरोपियों को जमानत मिलना तय माना जा रहा है. अब जांच सीबीआई के पाले में है, जिससे दोबारा इस मामले में नए सिरे से कई चौकाने वाले खुलासे होने की उम्मीद हैं. साथ ही पुलिस की भी कलई खुल सकती है