महाराष्ट्र: सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल ने कसा तंज- सिर्फ घुड़सवार ही भागा, घोड़े वहीं हैं

सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र मामले पर सभी पक्षों की तरफ से दलील पेश की गई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और एनसीपी नेता अजित पवार की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट में शिवसेना की तरफ से कपिल सिब्बल और एनसीपी की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें दीं.

फौरन फ्लोर टेस्ट की मांग

राज्यपाल की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बहुमत फ्लोर टेस्ट कब किया जाना चाहिए, इसका फैसला स्पीकर पर छोड़ जाना चाहिए. वहीं सिंघवी और कपिल सिब्बल ने फौरन फ्लोर टेस्ट की मांग की. सिंघवी ने कहा कि फ्लोर टेस्ट की डेडलाइन 48 घंटे नहीं, बल्कि 24 घंटे रखी जानी चाहिए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से कहा कि यह फैसला हम पर छोड़ दिया जाना चाहिए.

कोर्ट में मुकुल रोहतगी ने कहा कि फ्लोर टेस्ट कभी भी हो सकता है. ये फैसला स्पीकर के ऊपर है. आज वो कह रहे हैं कि उनके पास 54 विधायक हैं, कल मैं भी ये कह सकता हूं. फ्लोर टेस्ट कराना स्पीकर की जिम्मेदारी है, इसमें कोर्ट की जिम्मेदारी क्या है?

होर्स ट्रेडिंग का सवाल नहीं

मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट का कोई सवाल ही नहीं है. यहां पर होर्स ट्रेडिंग का सवाल नहीं है, बल्कि पूरा ग्रुप ही दूसरी ओर चला गया है. अगर राज्यपाल कहते हैं कि आज फ्लोर टेस्ट नहीं होना चाहिए और उन्हें अपना काम करने दिया जाए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी ये पोजिशन नहीं है. इस प्रकार के कई केस हैं, जिनमें 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट हुआ है. सॉलिसिटर जनरल ने इस पर जवाब दिया कि ये राज्यपाल का फैसला है, क्या विधानसभा का एजेंडा अदालत तय करेगी? इसके दूरगामी परिणाम होंगे.

कपिल सिब्बल की दलील

सुप्रीम कोर्ट में तीखी बहस चली. तुषार मेहता ने जहां पूरे अस्तबल के गायब होने का दावा किया था उस पर कपिल सिब्बल ने जवाब दिया. कपिल सिब्बल ने कहा कि सिर्फ घुड़सवार ही भागा है, घोड़े वहीं के वहीं हैं.

मुकुल रोहतगी ने कहा कि विधायकों को होटल में बंद किया गया था, फैसला जल्दी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर 24 घंटे या 48 घंटे में निर्देश दिया तो किसे देगा? सदन की व्यवस्था तो स्पीकर ही देखेंगे.

कपिल सिब्बल ने कहा कि 22 नवंबर की रात को प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई जिसमें कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना ने सरकार बनाने की बात कही. सभी ने कहा कि उद्धव सीएम होंगे लेकिन सुबह 5 बजे ही फडणवीस सीएम बन गए. उन्होंने कहा कि ऐसी कौन-सी इमरजेंसी थी कि सुबह सवा 5 बजे राष्ट्रपति शासन हटाया गया और शपथ दिलवा दी गई. इमरजेंसी का खुलासा होना चाहिए.

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