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- आरोप- केंद्र सरकार से राशि मिलने के बाद भी राज्यांश की पूर्ति नहीं कर रही सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि मध्यान्ह भोजन (मिड-डे-मील) तैयार करने वाली महिला रसोइयों को 9 माह से मानदेय नहीं मिला है। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई है कि उनके परिवार का जीवनयापन दूभर होता जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि सरकार इन निम्न वर्ग की महिलाओं को लंबित मानदेय का भुगतान करे।
कमलनाथ ने कहा- महत्वपूर्ण यह है कि योजना में मानदेय भुगतान के लिए केंद्र से राशि भी प्राप्त हो गई है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा राज्यांश की पूर्ति नहीं की गई है। इस कारण अल्प आय वाली महिलाओं का मानदेय जुलाई 2020 से लंबित है। 9 माह से निरंतर मानदेय न मिलने के कारण मंहगाई के इस दौर में उनके सामने संकट उत्पन्न हो गया है।
उन्होंने पत्र में कहा है कि इस विषय की गंभीरता को देखते हुए तत्काल शासन स्तर पर निर्णय लिया जाए। महिला रसोइयों को मानदेय वितरित किया जाए, ताकि वे अपने परिवार का पालन पोषण करने के साथ ही कार्य भी समर्पित भाव से कर सकें।

2 लाख 10 हजार महिलाएं तैयार करती हैं मध्यान्ह भोजन
प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक के 67 लाख बच्चों को स्कूलों में मध्यान्ह भोजन उपलब्ध या जाता है। इसे तैयार करने के लिए दो लाख 10 हजार रसोइए नियुक्त हैं। कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद हैं। सरकार ने छात्रों को मध्यान्ह भोजन की जगह राशि उनके खातों में उपलब्ध करा दी है, लेकिन इसका असर रसोइयों पर न पड़े, इसलिए उन्हें मानदेय का भुगतान करने का फैसला सरकार ने लिया था। इन रसोइयों को प्रतिमाह 2 हजार रुपए मानदेय मिलता है।