बस संचालकों का पत्र – फिर से परिवहन मंत्री बन गए अब किराया बढ़ा दो

सोमवार को एक बार फिर से प्रदेश के परिवहन मंत्री बने गोविंद सिंह राजपूत को बस संचालकों ने पत्र लिखा है। बस संचालकों ने उनसे अब किराया बढ़ाने की मांग कर दी है। बस संचालक डीजल की कीमत का हवाला देकर 55 प्रतिशत किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

प्राइम रुट बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा के अनुसार हमने पत्र में लिखा है कि पूर्व में भी हमने आपसे किराया बोर्ड की बैठक आयोजित करने की अनुशंसा की गई थी। जिसके बाद उपचुनाव के दौरान हमारे प्रतिनिधियों के साथ किराया बोर्ड की बैठक संपन्न् हुई। लेकिन शिवराज मंत्रिमंडल में परिवहन मंत्री का पद रिक्त होने के कारण किराया बोर्ड में लिए गए निर्णय की अनुशंसा नहीं हो पाई थी। लेकिन अब आप फिर से परिवहन मंत्री बन गए हैं तो इसलिए आपसे अनुरोध है कि कृपया मध्यप्रदेश में संचालित बसों का किराया बढ़ाने हेतु अपनी अनुशंसा प्रदान करें। शर्मा ने बताया कि किराया बोर्ड की बैठक होने के बाद से बस संचालक, निजी ट्रेवल्स एजेंसियों सहित प्रादेशिक बस यूनियनें लगातार शासन से किराया बढ़ाने की मांग कर रही हैं, लेकिन सरकारी स्तर पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। जबकि मई 2018 में यात्री बसों का किराया बढ़ा था, तब से किराया नहीं बढ़ाया गया।

दो सालों में डीजल के दाम 16 रुपये प्रति लीटर से अधिक बढ़ गए हैं। वहीं बसों में लगने वाले टायर सहित अन्य उपकरण महंगे हो गए हैं। कोरोनाकाल में मार्च 2019 से अब तक 100 फीसद बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। जिन बसों का संचालन हो रहा है, उनमें कोरोनाकाल से पहले की अपेक्षा 45 फीसद कम यात्री सफर कर रहे हैं। इससे बस संचालकों को प्रति बस चार से पांच हजार रुपये प्रतिदिन घाटा उठाना पड़ रहा है। हमारी मांग है कि जल्द से जल्द 50 प्रतिशत किराया बढ़ाया जाए।

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