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खासगी ट्रस्ट की 26 राज्यों में फैली संपत्ति जब्त हुई

खासगी ट्रस्ट के मामले में हाईकोर्ट डबल बेंच के आदेश के बाद कलेक्टर ने ट्रस्ट के अधीन आ रहे महालक्ष्मी मंदिर राजबाड़ा, गुटकेश्वर मंदिर, खेड़ापति मंदिर सहित 24 मंदिरों पर मप्र शासन के बोर्ड लगाने के आदेश दिए हैं। साथ ही हातोद, तिल्लौरखुर्द, केवड़िया, पीपलदा, सांवेर और देवगुराड़िया की 100 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर कब्जे लेने के लिए भी आदेश दिए हैं।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा है कि संपत्तियों का भौतिक सत्यापन करें, राजस्व रिकॉर्ड में मप्र शासन अहस्तांतरणीय व प्रबंधक कलेक्टर लिखा जाए, यदि कहीं पर कोई कानूनी वाद चल रहा हो तो वहां पर शासन का पक्ष रखकर हाईकोर्ट की कॉपी दी जाए और इसके अतिरिक्त अन्य जगह भी संपत्ति हो तो उसे कब्जे में लिया जाए।
यह मंदिर लिए गए कब्जे में पट्टाभिराम मंदिर (कृष्णापुरा), महालक्ष्मी मंदिर (राजबाड़ा), श्रीराम मंदिर (बाणगंगा), राम मंदिर लोधीपुरा, श्री पार्वती तुलेश्वर मंदिर केसरबाग, राम मंदिर केसरबाग, सत्यनारायण मंदिर आड़ा बाजार, हरसिद्धि मंदिर, गणपति मंदिर व नारायण महाराज समाधि जूनी इंदौर, भैरव मंदिर कृष्णपुरा, मारुति महादेव व गणपति मंदिर कानूनगोबाखल, संगमेश्वर मंदिर कृष्णापुरा नदी के बीच, श्रीराम मंदिर मारुति मंदिर का ओटला छत्रीबाग मारुति मंदिर मिस्त्रीखाना, बिजासन माता मंदिर सिरपुर बिजासन टेकरी, बिकेश्वर मंदिर महादेव हातोद, श्रीराम मंदिर हातोद, तिकेश्वर महादेव मंदिर तिल्लौर खुर्द, श्रीराम मंदिर तिल्लौर खुर्द, केवादेश्वर मंदिर केवादिया, केवादेश्वर मंदिर तिल्लौर खुर्द।
ट्रस्ट ने संपत्तियों के दस्तावेज ईओडब्ल्यू को सौंपे: खासगी ट्रस्ट के माणिकबाग स्थित दफ्तर पर आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) की सिफारिश पर 24 घंटे चार पुलिसकर्मियों का पहरा लगा दिया है, ताकि यहां से किसी तरह के दस्तावेज नहीं निकाले जा सकें। ईओडब्ल्यू ने ट्रस्टी को तीन दिन में दस्तावेज सौंपने की चेतावनी दी थी, वरना समन जारी किए जाते, लेकिन इसके पहले ही ट्रस्ट ने संपत्ति के कई दस्तावेज ईओडब्ल्यू को सौंप दिए। एसपी धनंजय शाह ने कहा कि ट्रस्ट के प्रबंधक ने विभिन्न राज्यों में फैली संपत्ति के दस्तावेज सौंपे हैं। जांच के बाद बेची गई संपत्तियों के दोषी सामने आने पर उनके खिलाफ अपराध कायम किया जाएगा।
13 टीमों के पास 18 संपत्ति की जिम्मेदारी
मामले की जांच के लिए बने 39 सदस्यीय दल को भी जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। हर जांच दल में 3 सदस्य होंगे। इस तरह 13 टीमें बन जाएंगी। हर टीम के पास 18 से 20 संपत्तियों की जिम्मेदारी होगी। इन संपत्तियों के दस्तावेजों के आधार पर इनका नामांतरण सरकार के खाते में कराना, वीडियोग्राफी, अतिक्रमण होने पर उसे हटवाने की जिम्मेदारी, संपत्ति बिकने पर रजिस्ट्री शून्य कराने की जिम्मेदारी और ट्रस्ट से मिले दस्तावेजों की जांच भी शामिल है। इसके अलावा गड़बड़ियां खोजी जाएंगी।