कमलनाथ ने कहा – परिवहन माफिया पर कड़ी कार्रवाई करे राज्य सरकार

कमल नाथ ने कहा, प्रदेश के राजमार्गों पर मौत को खुला न्योता देते सरपट दौड़ रही हैं बसें, यात्रियों को बसों में पशुओं की तरह भरा जा रहा है।

भोपाल। सीधी में दर्दनाक बस हादसे को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रदेश में सक्रिय भू माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है। कमल नाथ ने कहा है कि प्रदेश के राजमार्गों पर मौत को खुला आमंत्रण देते हुए बसें सरपट दौड़ रही हैं। बसों में यात्रियों को पशुओं की तरह ठूसा जा रहा है। उन्होंने बसों में यात्रियों की सुरक्षा और बस की चेकिंग पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।

मंगलवार को सीधी से सतना जा रही एक यात्री बस नहर में पलट गई। इस दुर्घटना के सिलसिले में बस के परमिट और ओवर लोडिंग को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। कमल नाथ ने कहा है कि ‘मध्यप्रदेश में परिवहन माफिया सक्रिय है। प्रदेश के राजमार्गों पर, सड़कों पर, अनफ़िट, बग़ैर फ़िटनेस, बग़ैर परमिट, बग़ैर बीमे के, क्षमता से अधिक यात्रियों को पशुओं की भाँति ठूँस-ठूँस बग़ैर स्पीड गवर्नर के, सैकड़ों बसे दुर्घटनाओं को खुला न्यौता देते हुए तेज गति से सरपट दौड़ रही है।’ 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि न तो इन बसो में यात्रियों की सुरक्षा के साधन हैं , ना ये सभी निर्धारित नियमो का पालन कर रही हैं। ना इनकी नियमित चेकिंग होती है , ना इनसे नियमों का पालन करवाया जाता है , एक हादसे के बाद हम जागते है और बाद में वही हाल , इसी कारण सीधी जैसे हादसे सामने आते है ?

कमल नाथ ने कहा है कि सीधी जैसे हादसों को रोकने के लिए बेलगाम परिवहन माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। कमल नाथ ने ट्वीट किया है कि ‘आवश्यकता है इन बेलगाम परिवहन माफ़ियाओ पर कड़ी कार्यवाही हो , इन्हें नियमो के अंतर्गत लाया जावे तभी हम सीधी जैसी दुर्घटनाओं व हादसों पर अंकुश लगा सकते है।’

मंगलवार को सीधी में हुए बस हादसे में 51 लोगों की जान चली गई। इनमें ज़्यादातर युवा थे जो कि एनटीपीसी और रेलवे की परीक्षा देने रीवा और सतना जा रहे थे। हादसे में केवल सात लोगों को ही सुरक्षित निकाला जा सका। इनमें तीन लड़कियां और चार लड़के थे। वहीं चार लोग लापता हैं, लापता लोगों के नहर में बह जाने की आशंका है। उनके बचने की उम्मीद बेहद कम है।

वक्त बीतने के साथ साथ हादसे की वजह भी एक एक कर सामने आ रही है। पहले बस का रूट बदलना और संकरे रास्ते को बड़ा कारण माना जा रहा था। लेकिन अब यह जानकारी सामने आ रही है कि नियमों के मुताबिक बस को इतनी लंबी दूरी तय करने की अनुमति नहीं थी। 32 सीटर बस को अधिकतम 75 किलोमीटर की दूरी तय करने की ही इजाज़त है। 32 सीटर बस में 60 से ज़्यादा लोग भरे गए थे। हालांकि ये सारी जानकारियां सामने आने के बावजूद अब तक सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 

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