कमलनाथ ने साधा शिवराज पर निशाना, बोले-खजाना इवेंट में लुटाया, युवाओं से कह रहे ठेला लेकर निकलें

भोपाल- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनता से आंगनवाड़ियों से जुड़ने की अपील पर कमलनाथ ने पलटवार किया है। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री का नाम लेकर कहा कि आपने खजाना अपने इवेंट पर लुटा दिया और युवाओं से कह रहे हो कि ठेला लेकर निकलें। जब जनता को सब करना है तो फिर सरकार का क्या मतलब?

पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को संबोधित करते हुए कहा कि आपने प्रदेश के पूरे खजाने को इवेंट, आयोजन, अभियान, खुद के प्रचार-प्रसार, महिमा मंडन पर लुटा दिया और अब प्रदेश की जनता के हाथ में ठेला पकड़ाना चाहते हैं। कमलनाथ ने कहा कि कम से कम सच्चाई स्वीकारें, अपनी असफलता स्वीकारें। जो सरकार हाथ खड़े कर जनता से सहयोग मांगे, अपनी जिम्मेदारियों से भागे, उसी से समझा जा सकता है कि उस सरकार को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है और ऐसी सरकार को तो तत्काल हट जाना चाहिए। कमलनाथ ने कहा कि जब सब जनता को ही करना है तो फिर सरकार का क्या फायदा? सरकार हट जाए, जनता खुद सब कर लेगी।

कमलनाथ ने सवाल किया कि आपकी पार्टी की मध्य प्रदेश में पिछले 17 वर्षों से सरकार है। क्या कारण है कि आज भी कुपोषण के आंकड़े भयावह बने हुए हैं और कुपोषण के मामले में मध्य प्रदेश आज भी देश में शीर्ष पर है। दूर करने के नाम पर मिला करोड़ों का बजट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। आज भी प्रदेश की हज़ारों आंगनवाड़ियों में बिजली, पीने का पानी,शौचालय,मेडिकल- शिक्षा किट तक नहीं है।

आपकी सरकार ने हाल ही में विधानसभा में स्वीकारा कि आज भी मध्य प्रदेश में 10 लाख 32 हज़ार 166 बच्चे कुपोषित हैं और इसमें से 6 लाख 30 हजार 90 बच्चे अति कुपोषित श्रेणी में हैं। मध्य प्रदेश में अभी भी 5 साल से कम उम्र के 42% बच्चे कुपोषित हैं।आज भी 1000 में से 33 बच्चे जन्म के 28 दिन बाद दम तोड़ देते हैं। आज भी प्रतिदिन 29 बच्चे लापता हो रहे हैं, यह भयावह सच आपकी 17 वर्षों की सरकार का है।

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश पर तीन लाख करोड़ रुपये के करीब का कर्ज पहुंच चुका है, प्रति व्यक्ति कर्ज का आंकड़ा 51 हजार तक पहुंच चुका है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि आज प्रदेश में बिजली संकट है, पानी का संकट है, किसान परेशान हैं, युवा रोजगार को लेकर भटक रहा है, कर्मचारी वर्ग परेशान है, आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं को मानेदय नहीं मिल रहा है, कई आगंनवाड़ियों में महीनों से पोषण आहार तक नहीं पहुंच पा रहा है।

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