- इंदौर हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत; बावड़ी में लोगों को तलाश रही पुलिस। पूर्व सीएम कमलनाथ और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जताया शोक
- सिंधिया और भाजपा ने छोड़ा साथ, बीजेपी नेता ने पकड़ा कांग्रेस का हाथ
- नागदा बिरला प्लांट में हुई हाइड्रोजन गैस लीक, चार मजदूरों की झुलसने से हुई मौत
- मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश का दौर रहेगा ज़ारी, 40 से 60Km प्रतिघंटे की स्पीड से चलेगी आंधी
- 92 हजार से ज्यादा वकील गए हड़ताल पर, वकीलों ने किया तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान
झारखंड पर छाया महाराष्ट्र का असर, BJP की राह हुई मुश्किल

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के परिणामों और उसके बाद सरकार गठन में मिली नाकामयाबी सिर्फ एक राज्य तक सीमित होकर रह जाने वाली बात नहीं है. आने वाले समय में जिन भी राज्यों में चुनाव होंगे वहां क्षेत्रीय दल अब ज्यादा मजबूती के साथ अपनी शर्तें रखते नजर आएंगे. यह बात झारखंड में चुनावों की घोषणा के बाद से साबित होती भी नजर आ रही है.
झारखंड में बीजेपी को झटका
झारखंड में सत्ता में वापसी की कोशिशों में लगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को ‘अपनों’ से ही जोर का झटका लगा है. झारखंड में पहले बीजेपी की सहयोगी पार्टी आजसू ने अपने तेवर तीखे किए तो वहीं मंगलवार को अप्रत्याशित रूप से लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने भी राज्य में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया.
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए कहा है कि आज शाम तक पार्टी के उमीदवारों की पहली सूची का ऐलान भी हो जाएगा. चिराग पासवान ने अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा है कि झारखंड में चुनाव लड़ने का आखिरी फैसला प्रदेश इकाई को लेना था. लोक जनशक्ति पार्टी झारखंड प्रदेश इकाई ने चुनावी मैदान में अकेले जाने का फैसला लिया है. चिराग के मुताबिक उनकी पार्टी राज्य में 50 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी.
आजसू ने भी दिए बीजेपी से नाता तोड़ने के संकेत
गौरतलब है कि झारखंड में 81 विधानसभा सीटों पर 5 चरणों में चुनाव होना है. पहले चरण के लिए 30 नवंबर को मतदान होना है और 23 दिसंबर को नतीजे आएंगे. एलजेपी के इस फैसले से एक दिन पहले ही झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी पार्टी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) की ओर से भी गठबंधन तोड़ने के संकेत दे दिए गए थे.