मप्र उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों पर भी रहेगी नजर

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव (Bye Election) में निर्दलीय उम्मीदवार (Independent Candidate) बीजेपी और कांग्रेस का गणित बिगाड़ सकते हैं. क्योंकि बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है. राजनीतिक पार्टियों के अलावा क्षेत्रीय दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने उपचुनाव में बड़ी संख्या में नामांकन दाखिल किया है. 28 सीटों के उपचुनाव के लिए नामांकन के आखिरी दिन तक 458 नामांकन पत्र मिले हैं. 6 अक्टूबर तक भरे गए फॉर्म की कुल संख्या 597 है, जिसमें 458 उम्मीदवारों ने फॉर्म भरे हैं. भरे गए नामांकन की आज स्कूटनी की जाएगी. 19 अक्टूबर तक नामांकन (Enrollment) वापस लिए जा सकेंगे. उसके बाद बचे उम्मीदवारों के नाम का ऐलान होगा. सबसे ज्यादा मेहगांव सीट पर 43 इम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया है. वहीं, सुरखी में भी 30 नामांकन पत्र मिले हैं.

मध्य प्रदेश में दाखिल हुए नामांकनो की संख्या इस प्रकार है
जोरा से 17,  सुमावली से 11,  मुरैना से 17,  दिमनी से 14 , अंबाह से 17, मेह गाव से 43, गोहद से 19 ग्वालियर से 12, ग्वालियर पूर्व से 21 , डबरा से 27 , भांडेर से 17, करेरा से 15 , पोहरी से 17, बमोरी से 14 , अशोकनगर से 14 , मुंगावली से 16, सुरखी से 30, अनूपपुर 12, सांची से 22, आगर से 11, हाटपिपलिया से 14, बदनावर से 7, सांवेर से 14, सुवासरा से 13, मल्हारा से 27, नेपानगर से 8, मांधाता से 11 और ब्यावरा विधानसभा सीट से 8 लोगों ने नामांकन दाखिल किया है.

2018 के उपचुनाव की तुलना में 5 गुना तक महंगा साबित होगा
बता दें कि कल खबर सामने आई थी कि COVID-19 संकटकाल के कारण हर एक विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव 2018 के उपचुनाव की तुलना में 5 गुना तक महंगा साबित होगा. 28 सीटों के उपचुनाव को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राज्य सरकार से 40 करोड़ रुपए की मांग की है. यह राशि सरकार द्वारा चुनाव के लिए बजट में 40 करोड़ की राशि का प्रावधान करने के अतिरिक्त है. दरअसल, उपचुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने सरकार से जो अतिरिक्त राशि की मांग की है, उससे कोरोना के बचाव और जरूरी मटेरियल की खरीद की जानी है. जानकारी के मुताबिक इस बार के उपचुनाव पर हर एक विधानसभा सीट पर करीब पौने 3 करोड़ रुपए का खर्च आएगा.

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