- Stay away from these 19 dating warning flag in 2023
- ????ChinaLoveCupid Evaluation 2023 - whatever you have to find out about any of it! ????
- कांग्रेस की जन आक्रोश यात्राओं को मिल रहा है भारी जन समर्थन, वहीं भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा पूरी तरह हो रही है फ्लाफ - कांग्रेस
- पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ का इंदौर में बेरोजगार महापंचायत में संबोधन
- आंकड़ों की बाजीगरी से लाड़ली बहनाओं को 450 रू. के गैस सिलेण्डर देने में छल कर रही है शिवराज सरकार !
उपचुनाव में कांग्रेस ने दिया नारा-‘बिकाऊ नहीं, टिकाऊ चाहिए, फिर से कमलनाथ सरकार चाहिए’

-ग्वालियर से कांग्रेस ने उपचुनाव का किया शंखनाद
ग्वालियर. प्रदेश की 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने चुनाव का शंखनाद कर दिया है. यह सिंधिया के गढ़ ग्वालियर से हुआ है. उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने ‘बिकाऊ नहीं, टिकाऊ चाहिए, फिर से कमलनाथ सरकार चाहिए’ का नारा दिया है. कांग्रेस ने इस नारे के जरिए सीधे सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले विधायकों को निशाने पर लिया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा छपवाए गए मास्क पर यह नारा लिखा है. ये मास्क पूरे प्रदेश में बांटे जाएंगे. सबसे अधिक फोकस उन सभी विधानसभा क्षेत्रों में, जहां उपचुनाव होना है.
कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि चुनाव अभियान की शुरुआत ग्वालियर से की गई है. इसी अंचल से सरकार की जोड़तोड़ की शुरुआत हुई थी. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए भाजपा द्वारा की गई एक घटिया हरकत थी, जिसके तहत जनादेश को भी दरकिनार कर दिया गया. ऐसे लोगों की करतूतों के कारण ही प्रदेश में कोरोना का प्रकोप बढ़ा और व्यापार-व्यवसाय चौपट हो गए. उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता बिकाऊ नहीं, टिकाऊ चाहिए नारे के साथ जनता के बीच जाकर न्याय मांगेंगे. लोगों से आग्रह करेंगे कि वे लोकतंत्र को कलंकित करने वालों को सबक सिखाएं. शर्मा ग्वालियर की पूर्व विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस के चुनाव प्रभारी हैं.
16 सीटें ग्वालियर-चंबल संभाग में
मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी थी. इनमें से 16 सीट ग्वालियर-चंबल अंचल में हैं, जिन पर उपचुनाव होना है. इसी कारण कांग्रेस का पूरा जोर इसी इलाके में है. कांग्रेस के तीन अन्य विधायक भी विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर कांग्रेस छोड़कर हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं, जबकि दो सीट भाजपा और कांग्रेस के एक-एक विधायक के निधन से रिक्त हैं. प्रदेश की कुल 230 सदस्यों वाली विधानसभा की 27 सीटें रिक्त हैं. राजनीतिक गलियारों में ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस के 8 से 10 विधायक और इस्तीफा दे सकते हैं.