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सांठगांठ कर रेत माफियाओं ने कागज में बंद कर दी खदानें, हकीकत में 4 मशीनें लगाकर कर रहे अवैध उत्खनन

-एनजीटी ने 30 जून से ही नदियों से रेत के उत्खनन पर लगा दिया है प्रतिबंध, फिर भी नहीं पड़ रहा कोई असर, नदी से दिन रात जारी है रेत का उत्खनन, नदी तल से रेत उठा रहे माफिया
भोपाल.सेंवढ़ा. प्रदेश में नदियों से रेत उत्खनन पर एनजीटी ने प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन एनजीटी के इस आदेश का रेत माफियाओं पर कोई असर नहीं पड़ रहा. सांठगांठ कर रेत माफिया रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन कर रहे. खुलेआम मशीन लगा रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. सांठगांठ कर रेत माफियाओं ने कागज मेे 21 दिन से खदानें बंद कर दी है, इसके बावजूद रेत का अवैध खनन किया जा रहा.
बतादें कि एनजीटी द्वारा 30 जून से नदियों के रेत उत्खनन पर प्रतिबंधित लगा दिया था. इसके कारण रेत के ठेकेदारों ने सैकड़ों की संख्या में रेत के अवैध ढेर भी लगा लिए. ताकि आने वाले तीन माह तक रेत का कारोबार जारी रखा जा सके. पर बारिश कम होने का फायदा उठा कर रेत माफिया ने एक बार फिर नदी को खोखला करना प्रारंभ कर दिया है. इन दिनों सेंवढ़ा अनुभाग में एक दर्जन से अधिक स्थानों से खुले आम रेत का उत्खनन किया जा रहा है. कई जगह पर एक नहीं चार-चार मशीनें लगाकर रेत निकाली जा रही है. वहीं खनिज विभाग के अधिकारियों को इसकी कोई सुध नहीं है. इस संबंध में कांग्रेस के कार्यकारी ब्लाक अध्यक्ष राजू लठैत द्वारा अधिकारियों को मौखिक और लिखित शिकायतें की गईं पर बेनतीजा रहीं. रेत माफिया उन स्थानों से भी रेत उठा रहे हैं जो कि स्वीकृत खदान के रूप में आवंटित नहीं है. ग्रामीणों द्वारा विरोध करने पर उन्हें बताया जा रहा है कि पूरे जिले का ठेका है कहीं से भी रेत उठाई जा सकती है.
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