हाथरस घटनाः यूपी सरकार और प्रशासन पर विश्वास नहीं- परिवार

उत्तर प्रदेश के हाथरस केस को शनिवार को सीबीआई ने टेकओवर कर लिया। इस बीच, सीबीआई ने रविवार को मुख्य आरोपी संदीप के खिलाफ धारा 307, 376 डी, 302, एससी/एसटी ऐक्ट की धारा 3 केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच लखनऊ यूनिट की गाजियाबाद की टीम करेगी। सीबीआई ने पुलिस से सभी दस्तावेज मांगे हैं। 3 अक्टूबर को सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने हाथरस में पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। इसके बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी।

कल इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में इस केस की सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट ने खुद नोटिस लेकर केस में यूपी के शीर्ष अफसरों समेत हाथरस के डीएम और एसपी को तलब किया है। पीड़ित परिवार को भी बुलाया गया है। 5 सदस्यों को लखनऊ जाना है, लेकिन रविवार दोपहर तक उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई। ऐसे में परिवार ने रात में लखनऊ जाने से इनकार कर दिया। पीड़ित के भाई ने कहा कि रात में हमारे साथ कुछ भी हो सकता है। हमें प्रशासन पर भरोसा नहीं है। अब परिवार कल सुबह लखनऊ रवाना होगा।

परिवार और गवाहों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
हाईकोर्ट में सरकार की तरफ से विनोद शाही पैरवी करेंगे। परिवार के हर सदस्य और गवाहों की सुरक्षा के लिए 2-2 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। परिवार की महिला सदस्यों के लिए महिला सुरक्षाकर्मी की तैनाती की गई है। परिवार की मुलाकात भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कराए जाने की चर्चा है, लेकिन अभी इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है।

क्या है पूरा मामला?
हाथरस में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की लड़की के साथ गैंगरेप किया था। आरोपियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़ित की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था।

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