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फेसबुक ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का पोस्ट हटाया

वाशिंगटन. फेसबुक (Facebook) ने एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर कार्रवाई करते हुए उनका एक पोस्ट डिलीट कर दिया है. खुद कोरोना संक्रमण (Coronavirus) से जूझ रहे ट्रंप ने इस पोस्ट में दावा किया था कि कोविड-19 (Covid-19) फ्लू के मुकाबले कम घातक वायरस है. इससे पहले ट्विटर भी कई बार ट्रंप ट्वीट को फेक मार्क करके चेतावनी जारी कर चुका है. ट्रंप ट्विटर के रवैये को भेदभावपूर्ण बता चुके हैं.
बता दें कि कोरोना पॉज़िटिव पाए जाने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप का तीन दिन अस्पताल में इलाज चला, जिसके बाद सोमवार को वे व्हाइट हाउस वापस आ गए हैं. हालांकि ट्रंप अभी भी मेडिकल टीम कि निगरानी में है और उनका इलाज जारी है. CNN के मुताबिक ट्रंप ने इस पोस्ट में लिखा था- अमेरिका ने फ्लू सीज़न के साथ जीना सीख लिया है, वैसे ही हम कोविड के साथ जीना सीख रहे हैं, ज़्यादातर आबादी में ये बहुत कम घातक है.’ ट्रंप ने ट्विटर पर भी यही संदेश डाला था, जिसे ट्विटर ने हाइड कर दिया है यानी छिपा दिया है. उनके इस ट्वीट पर एक चेतावनी लिखी दिख रही है कि ये भ्रामक और संभावित रूप से हानिकारक जानकारी हो सकती है. यूज़र ये चेतावनी पढ़ने के बाद ट्वीट पर क्लिक करेंगे, तभी उन्हें असली ट्वीट दिखेगा.
फेसबुक ने जारी किया बयान
फ़ेसबुक के नीति संचार प्रबंधक एंडी स्टोन ने कहा, ‘हम कोविड -19 की गंभीरता के बारे में ग़लत जानकारी को हटा देते हैं, और हमने इस पोस्ट को अब हटा दिया है.’ राष्ट्रपति ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए एक और ट्वीट किया है, ‘सेक्शन 230 का निरसन!!!’ वो यहां उस क़ानून का हवाला दे रहे हैं जो कहता है कि सोशल नेटवर्क उनके यूज़र द्वारा पोस्ट किए कंटेट के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं. लेकिन इसमें कंपनियों को यूज़र्स के ‘भले के लिए उस कंटेट को ब्लॉक’ करने की अनुमति होती है, जो उन्हें अपमानजनक, परेशान करने वाला या हिंसक लग रहा हो.
बता दें कि ये दूसरी बार है जब फ़ेसबुक ने राष्ट्रपति का कोई पोस्ट हटाया है. वहीं ट्विटर कई बार डिलीट करने और चेतावनी देने जैसी कार्रवाइयां कर चुका है. उधर रिपब्लिकन्स का कहना था कि ऑनलाइन रूढ़िवादी विचारों के ख़िलाफ़ एकतरफा सेंसरशिप लगाई जा रही है और वो इसे रोकना चाहते हैं. वहीं डेमोक्रेट्स का कहना था कि उनकी ग़लत जानकारी को लेकर ज़्यादा दिलचस्पी है. पिछले हफ़्ते ही अमरीकी सिनेट की कॉमर्स कमिटी ने फ़ेसबुक, ट्विटर और गूगल के प्रमुखों को मामले की आगे जांच करने को लेकर समन जारी किया था.