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भोपाल निगम पर 14 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया, 11 दिन से अंधेरे में डूबी भोपाल की सड़कें

भोपाल- मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पिछले 11 दिन से अंधेरे में डूबी हुई है। राजधानी के 40 फीसदी इलाकों की स्ट्रीट लाइटों के कनेक्शन काट दिए गए हैं। जनता परेशान हैं और इसकी चिंता किसी को नहीं है। शाम होते ही अंधेरे के कारण हादसे की आशंका रहती है। लेकिन नगर निगम की नवनिर्वाचित महापौर मालती राय ने चुप्पी साध रखा है।
बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि भोपाल निगम पर 14 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया है। पिछले दो महीनों से नगर निगम ने बिल नहीं भरा है। इस कारण 29 अक्टूबर को प्रमुख इलाकों की स्ट्रीट लाइटों के कनेक्शन काट दिए गए थे। अब तक सिर्फ दो करोड़ रुपए ही मिले हैं। यदि ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में और भी कनेक्शन काटे जाएंगे।
नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी आर्थिक स्थिति कमजोर होने का हवाला दे रहे हैं। लेकिन मीटिंग में खाने-पीने पर ही लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। खर्च में कोई कटौती नहीं है। जनता से टैक्स की वसूली भी जोरो पर है। बावजूद स्ट्रीट लाइटों के नाम पर आर्थिक तंगी का हवाला दिया जा रहा है। नतीजतन पुराने शहर के ज्यादा इलाकों में अंधेरा है, जबकि कई पॉश कॉलोनियां और मार्केट में भी अंधेरा पसरा हुआ है।
VIP रोड, भोज सेतु, कमला पार्क एवं आसपास के एरिये में भी जहां लोग परिवार के साथ शाम में घूमने जाते हैं वहां भी स्ट्रीट लाइटें बंद हैं। इसी तरह कोलार रेस्ट हाउस से चूना भट्टी के बीच की सड़क अंधेरे में है। लिंक रोड नंबर-2 पूरी अंधेरे में डूबी हुई है। बिट्ठन मार्केट चौराहा से कोलार रेस्ट हाउस और फिर मैनिट तक भी यही स्थिति है। पीएचक्यू से लेकर निर्वाचन भवन और मंत्रालय-वल्लभ भवन का इलाका भी अंधेरे में है।
शहर में ब्लैकआउट को लेकर कांग्रेस हमलावर है। कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने कहा कि, ‘भोपाल के इतिहास में नगर निगम के इतने बुरे हाल नहीं हुए होंगे। दीपावली के महीने में शहर की सड़कों को अंधेरे में डुबो के रखा है क्यूँकि शहर सरकार ने बिजली विभाग को पैसे नहीं दिए हैं। महापौर एक मंत्री के हिसाब से चल रही हैं और शहर की उनको चिंता नहीं है।’