भोपाल में डॉक्टरों की हड़ताल, टले 30 ऑपरेशन, 12 की मौत

भोपाल- भोपाल में मेडिकल कॉलेजों (bhopal medical colleges) से संबंधित सरकारी अस्पतालों में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर मध्य प्रदेश के डॉक्टरों द्वारा विरोध जताया जा रहा है. इस विरोध के चलते मंगलवार को डॉक्टरों ने हड़ताल की थी. महज छह घंटे की हड़ताल के दौरान भोपाल के हमीदिया अस्पताल में मरीजों की खासी फजीहत हुई. मंगलवार को करीब 30 ऑपरेशन टालने पड़े. तो वहीं, यहां आने वाले एक हजार से अधिक मरीजों को इलाज नहीं मिल सका है. हालांकि डॉक्टरों की यह हड़ताल टल गई है.

कैबिनेट बैठक निरस्त
दरअसल, मेडिकल कॉलेजों से संबंधित सरकारी अस्पताल में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति के विरोध में डॉक्टरों द्वारा विरोध जताया जा रहा है. डॉक्टरों ने यह चेतावनी दी थी कि मंगलवार को होने वाली शिवराज कैबिनेट बैठक के दौरान यह प्रस्ताव पास होता है तो डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. इधर मंगलवार को होने वाली बैठक गुजरात चुनाव को देखते हुए निरस्त कर दी गई है. इसके पीछे वजह बताई गई कि प्रदेश के अधिकांश मंत्री गुजरात चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, ऐसे में यह बैठक अब अगले मंगलवार को आयोजित की जाएगी.

अस्पताल का गेट बंद वाहनों के प्रवेश पर रोक
मंगलवार को हमीदिया अस्पताल के सुरक्षा गार्डों ने हमीदिया अस्पताल का आधा गेट बंद कर दिया. वहीं वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी. इससे मरीजों के परिजनों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा. स्ट्रेचर नहीं मिलने की दशा में परिजन अपने मरीजों को कंधे पर उठाकर ले जाते दिखाई दिए, जबकि कई मरीज हमीदिया अस्पताल के गेट से घर जाते नजर आए. स्थिति इतनी विकट थी कि सही इलाज नहीं मिलने की वजह से मंगलवार को 12 मरीजों की मौत भी हो गई है.

670 पर सिमटी ओपीडी
हमीदिया अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन दो हजार के करीब मरीज पहुंचते हैं, लेकिन मंगलवार को आलम यह था कि ओपीडी 670 पर ही सिमटकर रह गई. जानकारी के अभाव में मरीज सुबह सात बजे से अस्पताल पहुंचने लगे थे. मरीजों ने पंजीकरण केन्द्र पर पर्चे भी बनवा लिए थे, लेकिन ओपीडी में डॉक्टर नहीं थे. ऐसे में अस्पताल से मरीज बिना इलाज के वापस घर लौटने के लिए मजबूर हो हुए. इधर हमीदिया अस्पताल के डॉक्टर काली पट्टी बांधकर गेट के बाहर प्रदर्शन कर नारेबाजी करते रहे.