- Cupido filippino Evaluation nel 2020: Functions , Professionals , Drawbacks
- What Rewards May I Win? Huuuge Casino Help Cente
- Partners Can Share Their Love of Flora & Fauna al Peggy Notebaert Nature Museum di Chicago
- भगोरिया में शामिल हुए कांतिलाल भूरिया
- कांग्रेस के बैंक खातों को सीज करने पर कमलनाथ बोले-सरकार निचले स्तर पर उतर आयी है
भारत जोड़ो यात्रा के बीच दिखी दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश की जुगलबंदी
नई दिल्ली- पिछले साल 7 सितंबर से शुरू हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा आज कश्मीर में संपन्न हो गई। कन्याकुमारी से चली यह यात्रा बीते 145 दिनों में 14 राज्यों के 75 जिलों से होकर गुजरी। इस दौरान भारत यात्रियों सहित राहुल गांधी ने करीब चार हजार किलोमीटर का सफर तय किया। इस मौके पर भारत जोड़ो यात्रा के दो प्रमुख स्तंभ दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश की एक तस्वीर स्वयं जयराम रमेश ने शेयर की जिसमें दोनों अपने निवास (कंटेनर नंबर 12 और 14) के पास खड़े हैं।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है कि, “दो बेचारे… कंटेनर नंबर 12 और 14 के निवासी। बर्फबारी के बीच श्रीनगर में यात्रा का समापन।” दरअसल, भारत जोड़ो यात्रा प्लानिंग कमेटी के चेयरमैन दिग्विजय सिंह कंटेनर नंबर 12 जबकि कम्युनिकेशन हेड जयराम रमेश कंटेनर नंबर 14 में रहते थे।
राहुल गांधी की अगुवाई में निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा का पूरा मैनेजमेंट दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश ही संभाल रहे थे। 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों से गुजरकर यात्रा जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में खत्म हुई है, तब इस सफल यात्रा के लिए राहुल गांधी के अलावा लोग दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश की भी जमकर तारीफें कर रहे हैं।
यात्रा का कॉन्सेप्ट महात्मा गांधी के ‘दांडी मार्च’ से लिया गया था। इसे जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी दी गई थी कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले दिग्विजय सिंह को। वे 2017 में 3300 किलोमीटर की ‘नर्मदा परिक्रमा’ कर चुके हैं। दिग्विजय की अध्यक्षता में भारत जोड़ो प्लानिंग कमेटी बनी। हर राज्य में कोऑर्डिनेटर बनाए गए। इसके बाद हर जिले में एक टीम तैयार हुई। दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में करीब 150 दिन की यात्रा की फूलप्रूफ प्लानिंग पहले पेपर पर की गई। उसके बाद ग्राउंड पर इसका जायजा लिया गया। सब ओके होने के बाद यात्रा का फाइनल ड्राफ्ट तैयार हुआ और इस तरह आजाद भारत के इतिहास की सबसे लंबी यात्रा की शुरुआत हुई।
इतने लंबे इवेंट की प्लानिंग और तैयारी के बारे में जयराम रमेश बताते हैं कि इसके पीछे 4 महीने की मेहनत है। यात्रा का आइडिया मई 2022 में उदयपुर में हुए चिंतन शिविर में आया था। दिग्विजय सिंह और दूसरे नेताओं से बातचीत के बाद 15 मई को सोनिया गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा का ऐलान किया। वह बताते हैं कि इन चार महीनों में हो रही तैयारियों की प्रोग्रेस रिपोर्ट हाईकमान को सौंपी जाती थी।
दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश प्रतिदिन करीब 7 से 8 घंटे प्लानिंग पर काम करते थे। जयराम रमेश को संचार का सारा जिम्मा था। जयराम रमेश के सामने पब्लिसिटी मटेरियल जमा करने से लेकर कम्युनिकेशन, मीडिया मैनेजमेंट और लोकल मीडिया को इन्वॉल्व करने की चुनौतियां थी। वहीं दिग्विजय सिंह के ऊपर लॉजिस्टिक्स, जगह फाइनल करने से लेकर यात्रा की परमिशन लेने तक की जिम्मेदारी थी।
कन्याकुमारी से 7 सितंबर को जब यात्रा शुरू हुई तो तमाम लोगों के मन में कई तरह की आशंकाएं थी। यात्रा शुरू होने के तीसरे दिन दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश के बीच जुगलबंदी की एक दिलचस्प तस्वीर वायरल हुई। इसमें दोनों नेता एक दूसरे का हाथ पकड़कर सीढियां चढ़ रहे थे। जयराम रमेश ने तस्वीर पर टिपण्णी करते हुए लिखा “दो बेचारे”। वहीं दिग्विजय सिंह ने लिखा कि जयराम के इस टिप्पणी पर आप ऑब्जर्व करने, सोचने और कमेंट के लिए स्वतंत्र हैं।