कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा- आर्थिक मंदी और तालाबंदी केंद्र सरकार की पहचान बन चुकी है..

मध्‍य प्रदेश के इंदौर शहर पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया ने आर्थिक मंदी को लेकर केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्‍होंने कहा कि देश में छा रही आर्थिक मंदी अब मोदी सरकार की पहचान बन चुकी है. डूबती अर्थव्यवस्था और तालाबंदी सरकार की नाकामी का नतीजा है. इस समय देश में बेरोजगारी के हालात हैं और 90 लाख रोजगार खत्म हो चुके हैं. जबकि देश मे बेरोजगारी की दर 8.19 फ़ीसदी हो गई, वहीं दुनिया की बेरोजगारी दर 4.95 फीसदी है. भारत में बेरोजगारी की दर दोगुनी हो गई है. ग्रेजुएट और पीएचडी तक योग्यता वाले युवाओं में बेरोजगारी की दर 15 फीसदी तक पहुंच गई है.

किसान और बैंक उद्योग भी बेहाल
साथ ही पुनिया ने कहा कि उद्योग और बैंक बेहाल हैं. कृषि के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व संकट उत्पन्न हो गया है. 2019-20 की पहली तिमाही में कृषि सेक्टर की जीडीपी गिरकर 2 प्रतिशत रह गई. मोदी सरकार एक तरफ तो किसानों की आय दोगुना करने की बात कर रही है, तो दूसरी तरफ आम आदमी पर टैक्स बढ़ा दिए गए हैं. मोदी सरकार चीन से गोपनीय एग्रीमेंट कर रही है, जिसमें बिना निर्यात शुल्क के माल भेजा जा सकेगा. यदि ये समझौता हो गया तो देश के उद्योग और किसान बर्बाद हो जाएंगे. जबकि कांग्रेस के विरोध के चलते अभी समझौते पर साइन नहीं हो सके हैं.

आरसीईपीए पर दस्तखत करने बैंकाक गए थे पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी चीन से आरसीईपीए यानी रीजनल कंप्रीहेंसिव इकोनोमिक पैकेज एग्रीमेंटप पर दस्तखत करने बैंकाक गए थे, लेकिन कांग्रेस के विरोध के चलते दस्तखत नहीं कर पाए. इस वजह से अन्य सोलह देशों ने भी दस्तखत नहीं किए. यदि ये समझौता होता है तो हमारे छोटे उद्योग बरबाद हो जाएंगे, क्योंकि इससे फ्री ट्रेड हो जाएगा. चीन बिना किसी इंपोर्ट ड्यूटी के भारत में माल बेच सकेगा, क्योंकि चीन को अपना माल बेचने के लिए बाजार चाहिए. चीन अभी भी कह रहा कि वो भारत को मनाने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में छोटे और मझौले उद्योगों पर संकट बना हुआ है. पुनिया ने कहा कि मोदी ने नोटबंदी के बाद 50 दिन मांगे थे अब तो उनके पाले में ही गेंद है तो वे स्वयं बताएं कि इस बारे में क्या सोचते हैं. सरकार गरीब आदमी पर तो टैक्स का बोझ लादे जा रही है और उद्योगपतियों को राहत पर राहत देती जा रही है.

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