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कांग्रेस के वचनपत्र में विधुत कंपनियों के आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों का सहानुभूतिपूर्ण निर्णय करने का वादा

कुछ समय पहले राजधानी समेत प्रदेश भर में बिजली सप्लाई व्यवस्था कुछ देर के लिए प्रभावित हुई थी। इसका कारण यह था कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बिजली कंपनियों के संविदा इंजीनियर्स, कर्मचारी, आउटसोर्स एम्पलाइज और ठेके पर काम कर रहे कर्मचारी बेमुद्दत हड़ताल पर रहे। हड़ताल के दौरान संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ और यूनाइटेड फोरम के बैनर तले प्रदेश भर के कर्मचारी राजधानी में धरने पर डटे रहे।
धरना देने का कारण क्या था ?
धरना सेकंड स्टाप स्थित आंबेडकर मैदान में दिया गया था। महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर एवं वीकेएस परिहार ने बताया कि भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में जारी किए गए घोषणा पत्र जनसंकल्प के पेज नंबर 33 पर यह वादा किया था कि बिजली कंपनियों के संविदा इंजीनियरों व कर्मचारियों को रेगुलर किया जाएगा। चार साल में हमने कई मंत्रियों से लेकर अधिकारियों तक को ज्ञापन सौंपे और आंदोलन किए। इसके बावजूद कहीं सुनवाई नहीं हुई।
इसी बात को प्रमुखता से देखते हुए कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में कहा – हम विधुत कंपनियों के आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों का सहानुभूतिपूर्ण निर्णय करने का वादा करते हैं। हमारी सरकार के आते ही सभी कर्मचारियों को नियमितीकरण के पत्र सौंपे जायेंगे।