कांग्रेस ने लगाया भाजपा पर आरोप, कहा- बीजेपी झूठ बोलकर राजनीति करती है..

प्रदेश में सर्वदलीय बैठक को लेकर चल रही राजनीति रुकने का नाम नहीं ले रही है। सरकार द्वारा पिछले दिनों बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाजपा ने शामिल होने से इंकार कर दिया था। भाजपा सांसदों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया था। इसके साथ ही भाजपा की ओर से यह बयान आया था कि सर्वदलीय बैठक और उसके एजेंडे के संबंध में संगठन और सांसदों को पूर्व जानकारी नहीं दी गई थी। अब कांग्रेस ने एक पत्र जारी करते हुए भाजपा पर झूठ बोलने की राजनीति करने का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ तमाम विवादों के बीच मंगलवार को सर्वदलीय बैठक हुई जिसमें भाजपा के विधायक, सांसद मौजूद नहीं रहे जबकि जनता कांग्रेस छत्‍तीसगढ़ और बसपा विधायक बैठक में शामिल रहे।

कांग्रेस ने मंगलवार को एक पत्र जारी किया है जिसमें उन्होंने भाजपा पर झूठ बोलने की राजनीति करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने इस पत्र के साथ ही सात अन्य पत्र भी जारी किए हैं जिसमें भाजपा के सांसदों के साथ सर्वदलीय बैठक को लेकर पूर्व चर्चा शामिल है। कांग्रेस की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि सर्वदलीय बैठक के संबंध में भाजपा के सभी सांसदों को व्यक्तिगत रूप से पत्र जारी कर जानकारी दी गई थी। इनमें से कई सांसदों के जवाब भी सरकार को मिले हैं।

राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने झारखंड में होने का हवाला देते हुए बैठक में शामिल न हो पाने की बात पत्र के माध्यम से कही थी। इसके अलावा भाजपा सांसद रेणुका सिंह ने भी अन्यत्र व्यस्तता का हवाला देते हुए बैठक में शामिल हो पाने में असमर्थता जताई थी। रायगढ़ सांसद गोमती साव, दुर्ग के सांसद विजय बघेल, जांजगीर के सांसद गुहाराम अजगले को प्रेषित पत्र इस पत्र के साथ संलग्न किए गए हैं। इसी के साथ कांग्रेस ने दावा किया कि सभी सांसदों को बैठक में आमंत्रण को लेकर व्यक्तिगत तौर पर पत्र भेजे गए थे, जबकि भाजपा इस बारे में झूठ बोलकर राज्य की जनता को भ्रमित कर रही है और गलत तरीके की राजनीति कर रही है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने पिछले दिनों एक बयान में कहा था कि सर्वदलीय बैठक के संबंध में उन्हें या संगठन के अन्य सांसदों को पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इसके साथ ही बैठक का एजेंडा क्या होगा इस बारे में भी हमें कोई जानकारी नहीं थी। इस वजह से हमने बैठक का बहिष्कार किया।

धान खरीदी के नियमों में सिथीलता को लेकर भी राज्य और केंद्र के बीच खींचतान जारी है। कांग्रेस सरकार ने किसानों का धान 25 रुपये प्रति क्वींटल की दर से खरीदने का आश्वासन दिया है, लेकिन राज्य सरकार केंद्र से इस संबंध में सहयोग चाहती है। राज्य सरकार लगातार केंद्र से मांग कर रही है कि धान खरीदी को लेकर पूर्व के वर्षों में जिस तरह नियम सिथील किए गए थे, वैसा ही इस वर्ष भी किया जाए। दूसरी तरफ केंद्र की ओर से राज्य सरकार को एक पत्र मिला है, जिसमें लिखा है कि यदि किसान को 25 सौ रुपये समर्थन मूल्य दिए जाने पर बाजार में अस्थिरता आएगी।

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