गरीबों के साथ हो रहे अन्याय को बर्दास्त नहीं करेगी कांग्रेस-जीतू पटवारी

-डंडा लेकर गरीबों को पीट रहे हो, इस अन्याय के खिलाफ कांग्रेस लामबंद होगी
-शासन-प्रशासन गरीबों और आमजनता के साथ कर रहा है अन्याय, जिसका ठेला पलटाया गया, उसके पास रहने के लिए घर नहीं, वह श्मशान मे सोता है

भोपाल. पिपलियहाना चौराहे पर ठेला पलटने की घटना के बाद शहर की राजनीतिक गरमा गई है. कांग्रेस ने भी इस घटना का विरोध किया है. शुक्रवार सुबह पूर्व मंत्री और विधायक जीतू पटवारी ठेले पर अंडे की दुकान लगाने वाले बच्चे से मुलाकात करने पहुंचे. पटवारी ने बच्चे पारस रायकवार से मिलकर हर संभव मदद का आश्वासन दिया. कांग्रेस शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने भी बच्चे की आर्थिक मदद की. जीतू ने कहा कि शासन-प्रशासन के पास कोई मास्टर प्लान नहीं है और बस डंडे के दम पर कोरोना को भगाने की बात कर रहे हैं. प्रशासन बस डंडा लेकर गरीबों को पीट रहा है, इस अन्याय के खिलाफ कांग्रेस लामबंद होगी.

पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि विषय है बच्चे का.. ठेले का… और गरीब का… प्रशासन किसके लिए है. प्रशासन उस आम आदमी के लिए है, जिसके पास ताकत नहीं है. नगर निगम के कर्मचारी रोज रुपए लेकर ठेले वाले, रेहड़ी वाले और गरीबों को परेशान कर रहे हैं. जबकि प्रशासन को इनकी सहायता, आर्थिक मदद करनी चाहिए, लेकिन वो नहीं कर रहे हैं. ऊपर से प्रताडि़त अलग कर रहे हैं. एक आदमी जिसके पास घर नहीं हैं, श्मशान में सोता है, ठेला लगाकर परिवार का पेट पालता है, ऐसे हजारों लोग हैं, उनके लिए क्या प्रोग्राम है.

कलेक्टर डंडा लेकर घूम रहे, सांसद घोड़ी में चढ़कर रहे प्रचार

पटवारी ने कहा कि आप लॉकडाउन की ओर फिर से जा रहे हैं, पहले जिनते लॉकडाउन किए सब फेल हुए, आपने आज तक जितने प्रयास किए सब असफल रहे. कांग्रेस पार्टी हर समय आपके साथ खड़ी है, और आगे भी खड़ी रहेगी, लेकिन इस महामारी से निपटने के लिए आपको कोई मास्टर प्लान तो बनाना पड़ेगा. हमें किसी प्रकार से इस जीवन को चलाकर इस कोरोना से लड़ना है. इसके लिए आपकी क्या नीति है. प्रशासन दिशाहीन दिख रहा है. कलेक्टर डंडा लेकर घूमते फिर रहे हैं, पूरे प्रशासन को भी घुमा रहे हैं. सांसद घोड़ी पर चढ़कर चुनाव प्रचार कर रहे हैं.

यह है पूरा मामलाः
पिपलियहाना चौराहे पर एक बच्चा अंडे का ठेला लगाकर परिवार के साथ रोजी-रोटी कमा रहा था. उसने बताया कि वह सुबह से ठेला लगाए हुए था. निगम की टीम गाड़ी लेकर आई और कहा कि यहां से ठेला हटा लें, नहीं तो जब्त कर लेंगे. 100 रुपए मांग रहे थे, नहीं देने पर वे भागे और ठेला पलटा गए. इससे मेरे सारे अंडे फूट गए.धंधा नहीं हो रहा है, ऊपर से इतना नुकसान कर दिया. बच्चा और परिजन निगमकर्मियों को कोसते रहे. मामला सामने आने के बाद दोनों की दलों ने नेताओं ने विरोध दर्ज करवाया.

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