कोयला घोटाला- कोर्ट ने वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे दिलीप रे समेत तीन को 3 साल की सजा सुनाई

वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे दिलीप रे और कोयला मंत्रालय के दो तत्कालीन अफसरों को 21 साल पुराने मामले में सजा, 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा, दिलीप रे के वकील ने कहा फैसले के खिलाफ अपील करेंगे, जमानत की अर्जी भी देंगे.

कोयला घोटाले से जुड़े एक मामले में कोर्ट ने वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे दिलीप रे समेत तीन को 3 साल की सजा सुनाई है। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 21 साल पुराने मामले में दिलीप रे को झारखंड में एक कोयला ब्लॉक आवंटन में अनिमितताओं का दोषी पाया है। कोर्ट ने मामले में तत्कालीन कोयला मंत्रालय के दो वरिष्ठ अधिकारियों को भी सजा सुनाई है।

सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश भारत पराशर ने सजा सुनाते हुए भी दोषियों पर 10 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है। पिछले दिनों ही विशेष अदालत ने सुनवाई के दौरान कोयला घोटाले से जुड़े इस मामले में दिलीप रे समेत अन्य को दोषी करार दिया था। हालांकि सजा पर फैसला आज सुनाया गया है। विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने दिलीप रे को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दोषी पाया, जबकि अन्य को धोखाधड़ी और साजिश रचने का दोषी पाया था। इस दौरान कोर्ट ने सभी दोषियों को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था।

सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे के अलावा कोयला मंत्रालय के तत्कालीन दो वरिष्ठ अधिकारी, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल) इस कंपनी के निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) को भी दोषी करार दिया था। कोर्ट ने सीटीएल पर 60 लाख और सीएमएल पर 10 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है। मामले में दिलीप रे का पक्ष रख रहे वकील मनु शर्मा ने बताया है कि वे फिलहाल जमानत के लिए अदालत जाएंगे और इस फैसले के खिलाफ अपील भी करेंगे।

क्या है पूरा मामला 

पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे पर साल 1999 में झारखंड के गिरिडीह स्थित ब्रह्मडीहा कोयला खदान आवंटन में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा था। इस मामले में दिलीप रे समेत तीन दोषियों पर आरोप साबित हुए थे। बीते 6 अक्टूबर को विशेष सीबीआई अदालत ने इन्हें दोषी साबित किया था। सीबीआई के वकील ने अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाने की मांग की थी जबकि आरोपियों के वकील ने अभियुक्तों की आयु और पहले से कोई आपराधिक रिकॉर्ड न होने का हवाला देते हुए कम सज़ा सुनाने का अनुरोध किया था। बता दें कि इस मामले में झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा भी दोषी साबित हो चुके हैं और अदालत ने उन्हें 3 साल की सजा और 25 लाख रुपए जुर्माना लगाया था।

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