- Stay away from these 19 dating warning flag in 2023
- ????ChinaLoveCupid Evaluation 2023 - whatever you have to find out about any of it! ????
- कांग्रेस की जन आक्रोश यात्राओं को मिल रहा है भारी जन समर्थन, वहीं भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा पूरी तरह हो रही है फ्लाफ - कांग्रेस
- पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ का इंदौर में बेरोजगार महापंचायत में संबोधन
- आंकड़ों की बाजीगरी से लाड़ली बहनाओं को 450 रू. के गैस सिलेण्डर देने में छल कर रही है शिवराज सरकार !
कुपोषित हो रहे मध्यप्रदेश के बच्चे, 3 की हुई मौत

पन्ना – मध्यप्रदेश की हीरा नगरी पन्ना के चर्चित ग्राम पुरूषोत्तमपुरा की आदिवासी बस्ती चांदमारी में कुपोषण कम नहीं हो रहा है. यहां महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग की चौका देने वाली रिपोर्ट सामने आई है, विभाग के मुताबिक बस्ती में कुपोषण से तीन बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि 14 बीमार हैं. ताजा मामला, कुपोषित बच्चे शिवा की मौत का है.
क्या था मौत का कारण
वहीं, अब इस पूरे मामले में डॉक्टर से मिली जानकारी के अनुसार, तीन बच्चों की मौत सर्दी जुकाम से होने की बात कही गई है. कोरोना काल में हुई इस घटना के बाद बिना किसी देरी के गांव में बच्चों का और मृतकों के परिजनों का कोविड-19 टेस्ट भी कराया गया, हालांकि सभी की रिपोर्ट निगेटिव दर्ज की गई. ऐसा माना जा रहा है कि दूषित पानी पीने के कारण यह बीमारी हो सकती है. फिलहाल, सभी बीमार बच्चों का इलाज चल रहा है.
इसलिए बीमार हो रहे हैं बच्चे
दरअसल, इस मामले से हटकर बात की जाए तो बस्ती में अधिकतर बच्चे कुपोषण की चपेट में हैं. इस बात की पुष्टि इससे और हो जाती है कि जिन तीन बच्चों की मौत हुई है उनमें शिवा (4) नाम का आदिवासी बच्चा कुपोषित था, मृत शिवा इससे पहले कुपोषण के चलते अस्पताल भर्ती रह चुका था. ऐसे में स्पष्ट हो जाता है कि यहां बच्चे पोषण की कमी और दूषित पानी के कारण लगातार संक्रमित हो रहे.
कुपोषण के लक्षण
कुपोषण के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं, हर समय थकान महसूस करना और ऊर्जा की कमी होना. कुछ दूर चलते ही थक जाना, किसी भी बीमारी से उबरने में लंबा समय लेना. घाव भरने में देरी. चिड़चिड़ापन होना. कमजोर एकाग्रता, दस्त होना और अवसाद (depression) आदि.
कब मिटेगा कुपोषण का कलंक?
अधिकारी भले ही कुछ भी कहें, लेकिन सरकार के तमाम दावे फीके पड़ चुके हैं. अब शासन-प्रशासन को चाहिए की, कुपोषित से सुपोषित बनाने के ऐसे ठोस कदम उठाए जाएं, जिससे कुपोषण के कलंक से मासूम बच्चों को राहत मिल सके.
तीन बच्चों की मौत
दरअसल, चांदमारी गांव में मौजूद एकमात्र कुएं से ही लोग पानी पीते हैं. यहां कुएं से महज कुछ दूरी पर एक छोटा सा ताल है. इस ताल में न सिर्फ पशु पानी पीते हैं, बल्कि बच्चे और बड़े सभी लोग स्नान भी करते हैं. स्नान के दौरान ताल का पानी मुंह के जरिए शरीर में भी पहुंच जाता है. ऐसे में दूषित पानी पीने से बच्चों में गंभीर बीमारी होने का खतरा बना रहता है. इस बीच गांव में तीन बच्चों की मौत का मामला सामने आते ही मंगलवार को डाक्टरों और अधिकारियों की टीम गांव के लिए निकल पड़ी।
कुपोषण की ये भी एक वजह
आदिवासी बस्तियों में कुपोषण का सबसे बड़ा कारण जानकारी का अभाव निकल कर सामने आया है. इतना ही नहीं इन तक सरकारी योजना भी नहीं पहुंच पाती. बहुत सारे आदिवासी गांव ऐसे भी हैं जिन तक पोषण आहार नही पहुंच पा रहा. जब को घटना घटती है या फिर अचानक कोई जांच अधिकारी सर्वे करने आ जाता है तब पता चलता है कि यहां बच्चे कुपोषित हैं.