एमपी विधानसभा में मुख्यमंत्री शिवराज ने अविश्वास प्रस्ताव पर ढाई घंटे तक दिया भाषण

भोपाल- मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र चौथे दिन समाप्त हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अविश्वास प्रस्ताव पर ढाई घंटे तक भाषण दिया। शिवराज सरकार ने ध्वनिमत से सदन में विश्वास मत हासिल कर लिया और इसके साथ ही सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी। लेकिन इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने हर मुद्दे पर शिवराज सरकार को खूब घेरा और जवाबदेह बनाने की कोशिश की।

अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ सरकार में 165 दिन में 450 आईएएस और आईपीएस अफसरों के तबादले किए। 15 हजार से ज्यादा कर्मचारी बदल दिए गए। वल्लभ भवन दलालों का अड्‌डा बन गया था, उसकी सफाई की गयी। सीएम के ओएसडी का जो वीडियो वायरल हुआ, उसके कारण भ्रष्टाचार की विष बेल ऐसी फैली कि पूरे मध्यप्रदेश में त्राहि-त्राहि मच गई।
सिंचाई परियोजना में घोटाला किया गया। विधायकों को मिलने के लिए समय नहीं दिया जाता था। विधायकों से कहते थे चलो-चलो…। कोई बड़ा ठेकेदार आ जाए, तो उसे बैठाते थे

सीएम ने आगे कहा कि यदि कांग्रेस सरकार ने जनकल्याण और प्रदेश के विकास के लिए कार्य किया होता, तो उनकी ही सरकार के मंत्री उन्हें छोड़कर हमारे साथ न आते। हमारे पास आए साथियों का फैसला सही था और जनता ने उन्हें उपचुनाव में भारी बहुमत से फिर से निर्वाचित किया। किसान कर्जामाफी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी ने उंगलियों पर गिनकर कहा था कि किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ, तो मुख्यमंत्री बदल दूंगा। आपने कर्जमाफी का कचरा कर दिया।

सीएम के इस बयान पर पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि 27 लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ है। इसपर सीएम शिवराज ने कहा, ‘सचिन भाई इस उम्र में इतना गुस्सा ठीक नहीं। अरुण यादव ने ट्वीट कर इस सरकार के बारे में क्या लिखा था, याद है या नहीं?’
सीएम ने कहा- आपने पांच महान काम किए। इस पर विधायक लक्ष्मण सिंह ने सीएम को टोकते हुए कहा कि अविश्वास के विषय पर जवाब दें। सीएम ने फिर कहा- कमलनाथ की सरकार ने भ्रष्टाचार का लोकव्यापीकरण किया। कभी कलेक्टर-एसपी की पोस्टिंग में पहले पैसे नहीं लिए गए। लेकिन, कमलनाथ जी की सरकार में पैसे लेकर एक जिले में तीन-तीन कलेक्टर बदले। बात ये होती थी कि कौन कितने ज्यादा देने वाला है।

सीएम के वक्तव्य के दौरान विपक्ष के हंगामे पर स्पीकर गिरीश गौतम ने कहा, आप अविश्वास प्रस्ताव लाए, आरोप लगाए, अब सीएम को सुन तो लीजिए। मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि डेढ घंटे में सीएम का भाषण बिना बाधा के दो मिनट भी नहीं चल पाया। प्रतिपक्ष के दोनों नेता गायब हैं। मेरा अनुरोध है कि अपना नेता चुन लें।

इससे पहले सीएम ने कहा- हर बार ये कहा जाता है कि हमने सरकार गिराई। 11 दिसंबर को रात में कांग्रेस 110-112 सीटों पर आगे थी। रात में ये निश्चय करके सोया था कि सुबह इस्तीफा दे दूंगा। कई मित्रों का कहना था कि बहुमत तो उनका नहीं है। मैं सीएम हाउस में था। भूपेंद्र जी आए। मुझे जोर देकर कहा गया कि इस्तीफा नहीं देना है, लेकिन मैंने कहा कि मेरा जमीर अनुमति नहीं देता। कांग्रेस की संख्या ज्यादा है। मैं सीधे घर से निकला और मीडिया से कहा कि मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं।

संसदीय कार्यमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज विधानसभा में मंत्री मोहन यादव और भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के बयान पर खेद व्यक्त की। दरअसल, मंत्री मोहन यादव ने माता सीता की तुलना तलाकशुदा महिला से की थी। वहीं रामेश्वर शर्मा ने कल सदन में कहा था कि राम-सीता और अयोध्या हमारे, तुम्हारा क्या? इन दोनों नेताओं से माफी की मांग करते हुए ही कांग्रेस ने कल सदन से वॉक आउट किया था।