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सीईओ पर आदिवासी महिला कर्मी लगाए गंभीर आरोप, कहा वे बर्खास्तगी की धमकी देकर यौन शोषण करना चाहते हैं
सीएम के क्षेत्र सीहोर के नसरुल्लागंज में जनपद सीईओ वृंदावन मीणा पर आदिवासी महिलाकर्मी ने लगाया आरोप, अकेले केबिन में बुलाकर यौन संबंध बनाने का दबाव डालते हैं
सीहोर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृहक्षेत्र में एक बड़े अधिकारी पर आदिवासी महिला कर्मचारी पर यौन संबंध बनाने के लिए दबाव डालने का गंभीर आरोप लगा है। सीएम के विधानसभा क्षेत्र नसरुल्लागंज जनपद पंचायत में समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारी का आरोप है कि जनपद सीईओ वृंदावन मीणा उन्हें अकेले केबिन में बुलाकर शारिरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डालते हैं। ऐसा नहीं करने पर नौकरी से बर्खास्त करने की भी धमकी देते हैं।
महिला अधिकारी ने इस पूरे मामले की लिखित शिकायत कलेक्टर अजय कुमार गुप्ता से की है। महिला अधिकारी का आरोप है कि वह पूरी मेहनत से अपने दायित्वों कर पालन कर रही हैं। इसके बावजूद जनपद सीईओ मीणा उन्हें मानसिक रुप से परेशान करते हैं, उनके प्रति गलत भावना रख स्टाफ के सामने अभ्रद व्यवहार करते हैं। शर्मनाक घटना यह है कि मीणा महिला अधिकारी को अपने केबिन में अकेले बुलाकर नौकरी से बर्खास्त कराने की धमकी देकर यौन संबंध बनाने के लिए दबाव डालते रहते हैं।

पीड़िता का आरोप है कि जनपद सीईओ उन्हें ऑफिस में रात के 10 बजे तक रुकने का आदेश भी देते हैं, जबकि जनपद में वह अकेली महिला कर्मचारी है। शिकायत में महिला अधिकारी ने बताया है कि सीईओ मीणा ने उनका तीन माह का वेतन भी रोक रखा है। आदिवासी सहरिया जनजाति से आने वाली इस महिला ने सीईओ पर जातिगत भेदभाव का भी आरोप लगाया है। महिला ने बताया है कि सीईओ उन्हें बुरी नजर से देखते हैं और उनकी नोटशीट पर कई दिनों तक हस्ताक्षर नहीं करते। नतीजतन समय पर वह काम भी पूरा नहीं कर पाती।

महिला का आरोप है कि सीईओ उन्हें धमकी देते हैं कि तुम अपना तबादला कहीं और करवा लो नहीं तो मैं जब तक हूं ऐसे ही परेशान करता रहूंगा। महिला के पति गुना जिले में पुलिस आरक्षक हैं, ऐसे में महिला की मांग है कि उन्हें भी गुना में पोस्टिंग दे दी जाए। महिला ने कहा है कि ऐसा न होने पर आत्महत्या करने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं बचा है। महिला के इन आरोपों को जनपद सीईओ ने सरासर झूठ करार दिया है।

सीएम महिला दिवस पर महिलाओं के लिए बड़ी बड़ी योजनाओं का ऐलान करते हैं। उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का दावा करते हैं। सभी योजनाओं की शुरुआत के पहले कन्यापूजन करने की नीति बनाई है। ऐसे में सीएम के अपने ही गृह क्षेत्र में एक महिला कर्मचारी द्वारा अपने अधिकारी के खिलाफ इस तरह के गंभीर आरोप लगाने की नौबत आना वाकई चिंता में डालने वाली बात है।