व्यक्तिगत हितों के चलते हो रहे उपचुनाव, कोरोना में जा सकती है कई लोगों की जान

अपने व्यक्तिगत हित साधने के लिए कई करोड़ रुपयों के साथ लाखों लोगों की जान खतरे में डाली जा रही है। क्या कभी ऐसा कानून भी बनेगा, जब जनता के पैसों का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा। जनता के खून पसीनें की कमाई पर टैक्स लगाकर, उस पैसे से राजनीति का खेल खेला जा रहा है, जो अनैतिक के साथ गैरकानूनी भी है। कोरोना महामारी की वजह से इस बार उपचुनाव में पोलिंग पार्टी के लिए 70 फीसदी ज्यादा सरकारी अमले को ट्रेनिंग की व्यवस्था की जा रही है। पहली बार ही ऐसे सरकारी अमले को चुनाव ड्यूटी से दूर रखा जाएगा जिनकी उम्र अधिक है या फिर वे रिटायरमेंट के करीब हैं। ऐसा उन्हें कोरोना के संक्रमण से दूर रखने के लिए किया गया है। जिले की तीन विधानसभाओं के 1188 पोलिंग बूथ पर इस बार चुनाव होंगे।

इन पर सभी पोलिंग पार्टी में कुल 4 हजार 752 अधिकारी-कर्मचारी तैनात रहेंगे पर ट्रेनिंग के लिए 8 हजार से अधिक बुलाए जाएंगे। अपर कलेक्टर व ट्रेनिंग के प्रभारी टीएन सिंह ने कहा कि अभी तक 120 फीसदी अधिकारी-कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाती थी पर अब कोरोना के कारण यह संख्या बढ़ाकर 170 फीसदी कर दी गई है। पहली ट्रेनिंग 6 से 8 सितंबर के बीच भारतीय यात्रा प्रबंधन संस्थान में होगी। इसमें सिर्फ पीठासीन अधिकारी व मतदान अधिकारी नंबर-1 को बुलाया गया है। ट्रेनिंग का समय सुबह 10 बजे से व दोपहर 2 बजे से रखा गया है। इसके बाद अन्य स्टाफ की ट्रेनिंग होगी।

उप चुनाव की ये तैयारी

  • ई-विजिल एप… ऑनलाइन चुनावी शिकायतें की जा सकेंगी। इसके लिए तीन टीम बनाईं गईं हैं, जो पूरे 24 घंटे शिकायतों पर निगाह रखेंगी।
  • छह वीवीटी- प्रत्याशियों के चुनावी खर्च पर निगरानी के लिए हर विधानसभा में दो-दो वीडियो व्यूविंग टीम बनी है। यही वीडियो रिकॉर्डिंग देखेंगी।
  • धारा-144- चुनाव के समय जिन वाहनों का उपयोग होगा उन्हें संबंधित रिटर्निंग या सहायक रिटर्निंग अधिकारी से लेनी पड़ेगी।

ऐसे समझें कोरोना में चुनाव व्यवस्था

  • 828601 कुल वोटर
  • 14785 चुनाव ड्यूटी स्टाफ
  • 19 दिन कुल काम
  • 478855 फेस मास्क
  • 9885 फेस शील्ड
  • 2305 लीटर सेनिटाइजर
  • 2200 स्पेशल साबुन
  • 461155 ग्लब्स
  • 1230 थर्मल स्केनर

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