- नागदा बिरला प्लांट में हुई हाइड्रोजन गैस लीक, चार मजदूरों की झुलसने से हुई मौत
- मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश का दौर रहेगा ज़ारी, 40 से 60Km प्रतिघंटे की स्पीड से चलेगी आंधी
- 92 हजार से ज्यादा वकील गए हड़ताल पर, वकीलों ने किया तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान
- नईदुनिया को आगे ले जाने वाले अभय छजलानी ने छोड़ी दुनिया, कमलनाथ ने दी श्रद्धांजलि
- मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे, सच बोलते हुए जिए हैं, सच बोलते रहेंगे : प्रियंका गाँधी
भाजपा सांसद ने किया दावा : शिवसेना में हुई टूट, पार्टी के संपर्क में है 45 विधायक

महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच सत्ता की लड़ाई सतह पर आ चुकी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को साफ कर दिया है कि वह ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे वो भी पांच साल के लिए। सीएम ने कहा कि शिवसेना के साथ 50-50 फॉमूले पर कभी बातचीत नहीं हुई है। इसी बीच भाजपा ने शिवसेना में टूट का इशारा किया है।भाजपा सांसद संजय काकड़े ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में शिवसेना के नवनिर्वाचित करीब 45 विधायक भाजपा के साथ हाथ मिला कर सरकार बनाने के इच्छुक हैं। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरा राज्यसभा सांसद काकड़े ने यह दावा किया।
उन्होंने कहा कि शिवसेना के 56 में से 45 विधायकों ने भाजपा के साथ हाथ मिला कर सरकार बनाने की अपनी इच्छा जाहिर की है। वे हमें फोन कर कह रहे हैं कि उन्हें सरकार में शामिल कर लें। काकड़े ने यह भी कहा कि शिवसेना के विधायक कह रहे हैं कि चाहे जो भी किया जाए, लेकिन हम भाजपा के साथ सरकार का हिस्सा बनना चाहते हैं। काकड़े ने बताया कि 45 विधायकों की राय है कि सरकार बनाने के लिए भाजपा और शिवसेना को हाथ मिला लेना चाहिए।
वहीं शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने सरकार बनाने में विलंब होने को लेकर मंगलवार को भाजपा पर कटाक्ष किया। भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नहीं है जिसके पिता जेल में हों। राउत का इशारा हरियाणा के उप मुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत चौटाला की ओर था।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं और राज्य की अगली सरकार में सत्ता में भागीदारी को लेकर दोनों के बीच तकरार चल रही है। 21 अक्तूबर को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के विधायकों की संख्या 2014 की तुलना में घट गई जिसके बाद शिवसेना सत्ता में बराबर की भागीदारी पर जोर दे रही है।
शिवसेना ने राज्य में अगली गठबंधन सरकार बनाने का दावा करने के बारे में बातचीत करने से पहले भाजपा से 50-50 फॉर्मूले के कार्यान्वयन का लिखित आश्वासन मांगा है।