बीजेपी प्रत्याशी के पति बूढों से आशिर्वाद और महिला से अभद्ता कर वोट मांग रहे है

भांडेर। मध्य प्रदेश के भांडेर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार रक्षा सिरोनिया के पति संतराम सिरोनिया की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में संतराम सिरोनिया कभी किसी के पैरों में लेटकर वोट मांग रहे हैं तो कभी किसी महिला के सिर से सिर सटाकर उसे असहज करते नज़र आ रहे हैं।

बताया जा रहा है कि यह दोनों तस्वीरें पिछले एक-दो दिनों के दौरान की हैं। दरअसल विधायक पति अपनी पत्नी के लिए वोट मांगने के मकसद से गांव-गांव जाकर जनसंपर्क कर रहे हैं। इस दौरान एक महिला से वोट मांगने के लिए उनके सिर से सिर सटाने की तस्वीर को लेकर उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया यूजर्स इसे साझा करके तरह-तरह की बातें कर रहे हैं।

एक और तस्वीर में देखा जा सकता है कि बीजेपी नेता किसी मतदाता के पैरों में साष्टांग दंडवत कर रहे हैं। सिरोनिया की यह तस्वीर भी सोशल मीडिया पर छाई हुई है। ट्विटर यूज़र इस तस्वीर पर निशाना साधते हुए कह रहे हैं कि 35 करोड़ मतदाताओं के वोट का सौदा करने के बाद वह एक बार फिर से पैरों में गिर गए हैं। बता दें कि सिरोनिया का विवादों से नाता पुराना रहा है। पिछले साल जब उनकी पत्नी रक्षा विधायक थीं, तब उन्होंने दतिया के एसडीएम जेपी गुप्ता पर दादागिरी दिखाते हुए उनके दफ्तर में घुसकर हंगामा किया था। इस दौरान उन पर गुप्ता को धमकी देने और उनका मोबाइल फोन छीनने का आरोप भी लगा था। 

फूल सिंह बरैया के साथ मुकाबले ने पैरों में गिराया

सिरोनिया द्वारा वोटर्स के कदमों में गिरने की तस्वीर देखकर एक सवाल आम लोगों के मन यह है कि कभी दादागिरी करने वाले, खुद को दबंग बताने वाले सिरोनिया आज अचानक कैसे बदल गए। बताया जा रहा है कि बीजेपी नेता द्वारा अजीबो-गरीब तरीका इस्तेमाल करने के पीछे असल कारण कांग्रेस नेता फूल सिंह बरैया हैं। दरअसल, कांग्रेस ने आरक्षित सीट भांडेर से अनुसूचित जाति के कद्दावर नेता फूल सिंह बरैया को मैदान में उतार दिया है।

बरैया के मैदान में आने से इस सीट के सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं। परंपरागत रूप से बीजेपी की सीट रही भांडेर से पिछली बार कांग्रेस ने जब रक्षा सिरोनिया को अपना उम्मीदवार बनाया था, तब वह बीजेपी प्रत्याशी रजनी प्रजापति को 40 हजार के रिकॉर्ड मतों से हराने में सफल हुई थी। माना जाता है कि इस बड़ी जीत में फूल सिंह बरैया जैसे नेताओं का अहम योगदान था। लेकिन इस बार मैदान में खुद बरैया उनके खिलाफ हैं, तो समीकरण में बदलाव स्वाभाविक है। बता दें कि बरैया पहले भांडेर क्षेत्र से बीएसपी के विधायक भी रह चुके हैं।

क्या है सियासी समीकरण

भांडेर विधानसभा क्षेत्र के जातिगत आंकड़े बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 30.3 प्रतिशत वोटर अनुसूचित जाति के हैं। इसके बाद यादव 16.5 फीसदी, दांगी 15.1 फीसदी, ब्राह्मण 9.5 फीसदी और 4 फीसदी वोट ठाकुरों के हैं। भांडेर के बारे मे एक दिलचस्प बात यह भी है कि साल 1962 से 1993 तक यहां की जनता ने किसी भी विधायक को दूसरी बार नहीं चुना था।

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