भाई दूज पर प्रियंका गांधी ने भाई राहुल के साथ खूबसूरत तस्वीर के साथ Tweet कर लिखी यह बात…

भाई दूज का त्‍योहार भाई-बहन के अपार प्रेम और समर्पण का प्रतीक है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भाई दूज के मौके पर बड़े बाई और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ की अपनी कई तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, ‘लव यू राहुल गांधी.’ प्रियंका गांधी ने राहुल के साथ की अपनी नौ तस्वीरें की कोलार्ज शेयर कीं. ये तस्वीरें अलग-अलग समय की हैं. इनमें कई तस्वीरें बचपन की है. कांग्रेस महासचिव ने जो तस्वीरें शेयर की हैं उनमें से एक में दोनों भाई-बहन अपनी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गोद में नजर आ रहे हैं. इसी तरह एक तस्वीर प्रियंका की शादी के समय की और एक तस्वीर माता-पिता के साथ है.

इससे पहले रक्षाबंधन के मौके पर भी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी को बधाई दी. प्रियंका गांधी ने इस मौके पर उन्हें दुनिया का सबसे अच्छा भाई भी बताया था. उन्होंने कहा कि बचपन से चीजें बहुत अधिक नहीं बदली हैं. उन्होंने एक ट्वीट में बचपन की एक प्यारी सी तस्वीर लगाकर कहा, ‘राहुल गांधी.. मुझे लगता है कि चीजें बहुत नहीं बदली हैं, है ना.. दुनिया का सबसे अच्छा भाई.’

बता दें कि भाई दूज का त्‍योहार भाई-बहन के अपार प्रेम और समर्पण का प्रतीक है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने भाइयों को घर पर आमंत्रित कर उन्‍हें तिलक लगाकर भोजन कराती हैं. वहीं, एक ही घर में रहने वाले भाई-बहन इस दिन साथ बैठकर खाना खाते हैं. मान्‍यता है कि भाई दूज के दिन अगर भाई-बहन यमुना किनारे बैठकर साथ में भोजन करें तो यह अत्‍यंत मंगलकारी और कल्‍याणकारी होता है. दीवाली (Diwali) के दो दिन बाद आने वाले इस त्‍योहार को यम द्वितीया भी कहा जाता है. इस दिन मृत्‍यु के देवता यम की पूजा का भी विधान है. 

क्‍यों मनाया जाता है भैया दूज?


पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्य भगवान की पत्नी का नाम छाया था. उनकी कोख से यमराज और यमुना का जन्म हुआ था. यमुना अपने भाई यमराज से बड़ा स्नेह करती थी. वह उससे बराबर निवेदन करती कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करो. अपने कार्य में व्यस्त यमराज बात को टालते रहे. फिर कार्तिक शुक्ला का दिन आया. यमुना ने उस दिन फिर यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण देकर, उसे अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया.

यमराज ने सोचा, ”मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं. मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता. बहन जिस सद्भावना से मुझे बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है.’ बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया. यमराज को अपने घर आया देखकर यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उसने स्नान कर पूजन करके व्यंजन परोसकर भोजन कराया. यमुना के आतिथ्य से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन से वर मांगने के लिए कहा.

यमुना ने कहा, ”भद्र! आप प्रति वर्ष इसी दिन मेरे घर आया करो. मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार करके टीका करे, उसे तुम्हारा भय न रहे.’ यमराज ने तथास्तु कहकर यमुना को अमूल्य वस्त्राभूषण देकर विद ली. तभी से भैया दूज की परंपरा शुरू हुई. ऐसी मान्यता है कि जो भाई इस दिन आतिथ्य स्वीकार करते हैं, उन्हें यम का भय नहीं रहता. इसी वजह से भैया दूज के दिन यमराज और यमुना का पूजन किया जाता है.

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