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आज मुस्लिम पक्ष दायर करेगा अयोध्या फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन

अयोध्या फैसले के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद सोमवार 2 बजे रिव्यू पिटीशन दायर करेगा. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अरशद मदनी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी, जिसे मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन दायर करेंगे. इसके बाद अरशद मदनी शाम 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
सूत्रों के मुताबिक, जमीयत ने कोर्ट के फैसले के उन तीन बिंदुओं पर फोकस किया है, जिसमें ऐतिहासिक गलतियों का जिक्र है लेकिन फैसला इनके ठीक उलट आया. मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि अव्वल तो ये कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इस बात के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी.
Jamiat Ulema-e-Hind to file review petition in the Ayodhya land dispute case in Supreme Court today.
— ANI (@ANI) December 2, 2019
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि दूसरा ये कि 22-23 दिसंबर 1949 की रात आंतरिक अहाते में मूर्तियां रखना भी गलत था. 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा तोड़ना भी गलत था लेकिन इन गलतियों पर सजा देने के बजाय उनको पूरी जमीन दे दी गई. लिहाजा, कोर्ट इस फैसले पर फिर से विचार करे.
सुन्नी वक्फ बोर्डी की राय
इससे पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड ने साफ कर दिया है कि अयोध्या पर उसे सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वीकार है और पुनर्विचार याचिका (रिव्यू पिटीशन) नहीं दायर की जाएगी. 26 नवंबर को लखनफ में हुई बैठक में बहुमत से इस निर्णय पर मुहर लगा दी जा चुकी है. हालांकि बैठक में पांच एकड़ जमीन पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है. इस पर राय बनाने के लिए सदस्यों ने और वक्त मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट जाएगा पर्सनल बोर्ड
उधर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (आईएमपीएलबी) ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिसंबर के पहले सप्ताह में पुनर्विचार याचिका दायर करेगा. बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा है कि याचिका आठ दिसंबर से पहले दाखिल की जानी है. हालांकि अभी इसकी कोई तारीख तय नहीं है.