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अर्णब गोस्वामी के चैनल रिपब्लिक टीवी को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली
टीआरपी घोटाले के आरोपों में घिरे अर्णब गोस्वामी के चैनल रिपब्लिक टीवी को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने अर्णब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी की तरफ से पेश याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि रिपब्लिक टीवी को अपनी याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर करनी चाहिए।सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका ARG आउटलायर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी द्वारा दायर की गई थी।
याचिका में टीआरपी घोटाले में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों के खिलाफ जारी किए गए समन को चुनौती दी गई थी।इस याचिका में महाराष्ट्र सरकार के अलावा मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह, मुंबई क्राइम ब्रांच, कांदीवली थाने के एसएचओ, हंसा रिसर्च ग्रुप और भारत सरकार को पक्षकार बनाया गया था। लेकिन जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच ने यह कहते हुए याचिका की सुनवाई से इनकार कर दिया कि रिपब्लिक टीवी को हाईकोर्ट जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि जब इस मामले को हाईकोर्ट पहले से ही देख रहा है, तो आप इस मामले को लेकर हाईकोर्ट क्यों नहीं गए। उन्होंने आगे कहा कि हम इस मामले में सुनवाई नहीं कर सकते, वरना इसका गलत सन्देश लोगों तक जाएगा। उन्हें लगेगा हम हाई कोर्ट पर भरोसा नहीं करते हैं। सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूर्ण ने हिदायत देते हुए कहा कि सीआरपीसी के तहत जांच का सामना करने वाले किसी भी सामान्य नागरिक की तरह आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए। इसके बाद रिपब्लिक टीवी ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली।
8 से 12 हफ्तों के लिए रोकी जाए टीआरपी लिस्ट
बीते दिनों सामने आए टीआरपी घोटासे की वजह से बार्क ने वीकली टीआरपी लिस्ट को 8 से 12 हफ्तों के लिए रोकने का फैसला किया हैं। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ने प्रस्ताव रखा है कि बार्क काउंसिल की तकनीकी कमेटी टीआरपी जारी करने के पुरे प्रोसेस को रिव्यू करेगी उसके बाद उसके विश्वसनीय होने पर ही TRP जारी की जाएगी। याद रहे कि महाराष्ट्र पुलिस ने कहा है कि रिपब्लिक टीवी समेत तीन चैनल लोगों को पैसे देकर टीआरपी बढ़वाते हैं।