दुनिया के टॉप-10 अमीरों की सूची से बाहर हुए अडानी, हुआ है 36.1 अरब डॉलर का नुकसान

नई दिल्ली- अमेरिकी रिसर्च फर्म Hindenburg की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट नहीं थम रही है। रिपोर्ट आने से पहले दुनिया की अमीरों की सूची में तीसरे नंबर पर रहने वाले गौतम अडानी अब टॉप 10 से भी बाहर हो गए हैं। इस रिपोर्ट ने अडानी को 36.1 अरब डॉलर यानी 2 लाख 95 हजार करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया है।

दरअसल, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद से गौतम अडानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अडानी के लिए हर तरफ से बुरी खबरें ही सामने आ रही हैं। एक तरफ जहां इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी के सभी शेयर धाराशाई हो गए हैं। वहीं, दूसरी तरफ अडानी दुनिया के टॉप- 10 अमीरों की सूची से भी बाहर हो गए हैं। अडानी अब 11वें पायदान पर चले गए हैं।

इस रिपोर्ट को पब्लिश हुए अभी हफ्ताभर ही हुआ है और ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक गौतम अडानी की कुल संपत्ति कम होकर महज 84.4 अरब डॉलर रह गई है। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी अब दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 12वें पायदान पर पहुंच गए हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 82.2 अरब डॉलर है।

अडानी साल 2022 में सबसे ज्यादा दौलत कमाने को लेकर सुर्खियों में रहे थे। लेकिन 2023 के शुरू होते ही अडानी के लिए बुरी खबरें सामने आई हैं। जनवरी के महीने में अडानी का नाम सबसे ज्यादा संपत्ति गवांने के मामले में टॉप पर आ गया है। हफ्तेभर में अडानी ने 36.1 अरब डॉलर की रकम गवां दी है।
हिंडनबर्ग की जो रिपोर्ट का असर उनकी नेटवर्थ पर ऐसा पड़ा कि हफ्तेभर में वे अमीरों की सूची से ही बाहर हो गए।

बिजनेस टुडे के मुताबिक, इस निगेटिव रिपोर्ट के सामने आने के बाद से अडानी ग्रुप के Stock Market में लिस्टेड सातों कंपनियों के शेयरों में जो गिरावट आई है, उसके चलते अडानी ग्रुप की कंपनियों के कुल मार्केट कैप में सिर्फ तीन दिनों में ही 5.5 लाख करोड़ रुपये घट गया है। Adani Total Gas और Adani Green Energy के शेयरों में बीते चार दिनों से सबसे ज्यादा 20 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है। इसके अलावा शेयर बाजार में लिस्टेड उनकी कंपनियों Adani Ports से लेकर Adani Wilmar तक के शेयर बुरी तरह टूटे हैं और गिरावट का ये सिलसिला अभी भी जारी है।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट में क्या है?

अमेरिकी फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अपनी जो रिपोर्ट जारी की है उसमें कहा गया है कि अडाणी ग्रुप की सभी 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियों पर काफी ज्यादा कर्ज है। ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर 85% से ज्यादा ओवरवैल्यूड भी हैं। अडाणी ग्रुप ने शेयरों में हेरफेर की। अकाउंटिंग में धोखाधड़ी की गई है। अडाणी ग्रुप कई दशकों से मार्केट मैनिपुलेशन, अकाउंटिंग फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग कर रहा है।

हिंडनबर्ग रिसर्च की लेटेस्ट रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए गए हैं। इसी रिपोर्ट से भारतीय निवेशकों का सेटीमेंट बदल गया। हालांकि अडानी ग्रुप ने इसे सिरे से खारिज करते हुए दुर्भावनापूर्ण करार दिया है।