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39 साल के धोनी आज भी है ग्रेट फिनिशर- संजय बांगड़

नई दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) का करियर काफी सनसनीखेज रहा है. क्रिकेटर के रूप में अपना हर सपना पूरा करने वाले 39 वर्षीय महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया को नया जन्म दिया और आईपीएल (IPL) में भी बड़ी सफलता हासिल की. इस विकेटकीपर-बल्लेबाज ने इंटरनेशनल करियर में तीनों फॉर्मेट में 17,000 से ज्यादा रन बनाए और 359 छक्के लगाए. उन्होंने 634 कैच पकड़े और 195 स्टंपिंग की हैं. धोनी को ‘प्रेजेंस ऑफ माइंड’ के लिए भी जाना जाता है. वह विकेट के पीछे से लगातार गेंदबाजों को इनपुट देते रहते हैं. मैदान पर तनाव के क्षणों में भी वह कूलनेस बनाए रखते हैं. हाल ही में टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ (Sanjay Bangar) ने धोनी को लेकर कई बातें शेयर कीं.
संजय बांगड़ ने स्टार स्पोर्ट्स के साथ बातचीत में कहा, ”धोनी ग्रेट फिनिशर हैं, जब भी वह थाई पैड पहनते हैं तो वह सिंगल और दो रन अधिक लेते हैं. इसके बाद चौके लगाते हैं. वह कप्तान से भी अधिक ग्रेट लीडर हैं. खिलाड़ियों के लिए उनके द्वार हमेशा खुले रहते हैं. वह अपने विचार किसी खिलाड़ी पर नहीं थोपते. वह इस बात का इंतजार करते हैं कि युवा खिलाड़ी अपने आप अपनी ट्रिक्स खोजें.”
उन्होंने कहा, ”मुझे यह पता चला कि कैसे अपने रचनात्मक सालों में, बड़े हिट लगाने वाला धोनी ने अपनी स्वाभाविक योग्यता को प्रतिबंधित किया है. वह अपने थाई पैड पर लिखते थे- 1… 2… टिक..टिक 4…6… जब भी वह बल्लेबाजी के लिए जाते हैं तो अपनी थाई पर लिखे को पढ़ते हैं… वह पढ़ते हैं कि उन्हें भी यही प्रोसेस अपनाना है. इसलिए सिंगल्स और डबल्स इस ग्रेट फिनिशर के लिए जरूरी हो गए हैं.”
उन्होंने आगे कहा, ”यही सिंगल्स और डबल्स उन्हें बेस्ट फिनिशर बनाते हैं. दुनिया में अधिकांश फिनिशर सिंगल्स और डबल्स की महत्ता जानते हैं. आप माइकल बेवन को देखिए, धोनी को देखिए. दोनों में यही बात कॉमन है. इसी की वजह से वे मैच जीतते हैं. ये चौके और छक्कों की वजह से मैच नहीं जीतते. धोनी इसी प्रोसेस को अपनाते हैं.”
संजय बांगड़ ने आईपीएल में धोनी के संघर्ष पर भी बात की. सीएसके के कप्तान अब अपनी पूर्व की छवि में धुंधले से नजर आते हैं. उन्होंने आईपीएल 2020 में अबतक 10 मैचों में 164 रन बनाए हैं. उनका अधिकतम स्कोर राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ नाबाद 47 है. सोमवार को वह 28 गेंदों पर 28 रन पर आउट हुए.
पूर्व बल्लेबाजी कोच ने कहा, ”इस सीजन में मैंने धोनी में यह बात देखी कि उनका प्री डिलिवरी मूवमेंट रुक गया है. इसलिए वह गेंद को देखने में देरी कर देते हैं. जब आपकी उम्र 38-39 हो तो आपको पेस गेंदबाजों को अधिक समय देना पड़ता है. यदि वह इस दरार को भर लेंगे तो गेंद उनके बल्ले के बीचोंबीच आने लगेगी.”