हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने नर्सिंग परीक्षाओं पर लगी रोक हटाने से साफ इंकार कर दिया

प्रदेश के 375 नर्सिंग कॉलेजों की जांच CBI को सौंपी, CBI साल 2020 से 2023 नर्सिंग कॉलेजों की स्थिति मापदंडों को लेकर जांच करेगी

ग्वालियर – मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने नर्सिंग परीक्षाओं पर लगी रोक हटाने से साफ इंकार कर दिया है। कोर्ट की डबल बेंच ने नर्सिंग कॉलेजों में चल रहे फर्जीवाड़े पर बहस के दौरान तल्ख टिप्पणी की है। साथ ही प्रदेश के 375 नर्सिंग कॉलेजों की जांच CBI को सौंप दी है। CBI मध्य प्रदेश में साल 2020 से 2023 नर्सिंग कॉलेजों की स्थिति मापदंडों को लेकर जांच करेगीं।
पूर्व में CBI ने 24 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की थी, जिसमें से 6 कॉलेजों में अनियमितताएं पायी थी। वहीa हाई कोर्ट के निर्देश पर याचिकाकर्ता ने मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल को भी पक्षकार बनाया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी।
बता दें कि याचिकाकर्ता एडवोकेट दिलीप कुमार शर्मा ने पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष व बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष की परीक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट के संज्ञान में लाया कि मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर ने जुलाई 2022 से जनवरी 2023 के बीच कॉलेजों को संबद्धता दी। संबद्धता के बाद 11 से 18 फरवरी 2023 के बीच विद्यार्थियों का नामांकन किया गया। 28 फरवरी 2023 से परीक्षाओं की तारीख घोषित कर दी। परीक्षाएं सत्र 2019-20 व 2020-21 की कराई जा रही हैं। जिनकी परीक्षा कराई जा रही है, उन्होंने चार साल पहले प्रवेश लिया था। बैक डेट में संबद्धता दी गई है। विद्यार्थी भी सत्यापित नहीं हैं। इस परीक्षा पर कोर्ट ने रोक लगाई है, इस रोक को सरकार हटवाना चाहती है।