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मणिपुर में जनजातीय मंच ने राज्य सरकार पर चर्चों को गिराने का आरोप लगाया, प्रदर्शनकारियों ने सीएम के सभा स्थल पर जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की
इम्फाल – मणिपुर के चुराचांदपुर में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से एक दिन पहले गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने सभा स्थल पर जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की है। दरअसल, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह शुक्रवार को चुराचांदपुर जिले के न्यू लमका इलाके में एक जिम और खेल सुविधा केंद्र का उद्घाटन करने वाले थे। उससे पहले ही गुरुवार रात करीब 9 बजे प्रदर्शनकारियों ने कुर्सियां तोड़ डालीं और मंच फूंक दिया। हालांकि सीएम बीरेन ने घटना को लेकर कहा कि, हम दोषियों के खिलाफ एक्शन लेंगे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंसा को अंजाम देने वाली भीड़ का नेतृत्व स्वदेशी जनजातीय नेताओं का मंच कर रहा है। यह समूह भाजपा नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार के एक फैसले का विरोध कर रहा है। फैसले के तहत आदिवासियों के लिए आरक्षित और संरक्षित वन क्षेत्रों का सर्वे कराया जाना है। इस आदेश के बहाने जनजातीय मंच राज्य सरकार पर चर्चों को गिराने का आरोप लगा रहा है।
पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। प्रशासन ने हिंसा को देखते हुए चुराचांदपुर जिले में धारा 144 लगा दी है और इंटरनेट बंद कर दिया है। इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है। भीड़ का हमला ऐसे समय में हुआ, जब आदिवासी नेताओं के एक मंच ने सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक पूरे चुराचांदपुर में बंद का ऐलान किया था।
मणिपुर सरकार ने अवैध निर्माण के आरोप में 11 अप्रैल को पूर्वी इंफाल में तीन चर्चों को गिरा दिया था। इनमें इवेंजेलिकल बैपटिस्ट कन्वेंशन चर्च, इवेंजेलिकल लूथरन चर्च और कैथोलिक होली स्पिरिट चर्च शामिल था। चर्च गिराए जाने के आदेश के खिलाफ मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई गई थी, लेकिन कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया था। चर्च कोर्ट में यह साबित करने में असफल रहे थे कि उन्होंने निर्माण के लिए प्रशासन से मंजूरी ली थी।