बगावत करने वाले विधायकों को सबक सिखाएगी कांग्रेस

28 सीटों पर कांग्रेस मजबूत चुनौती देने की तैयारी में

भोपाल – विधानसभा चुनाव की तैयारियों के क्रम में कांग्रेस उन 28 सीटों पर खास ध्यान दे रही है, जहां तीन साल पहले कांग्रेस विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। पार्टी यहां स्थिति मजबूत करने में लगी है। इन सीटों पर सिंधिया समर्थकों को कांग्रेस हर हाल में सबक सिखाना चाहती है। कांग्रेस की योजना यहां ऐसे प्रत्याशियों को टिकट देने की है जो मजबूत चुनौती पेश कर सकें और चुनाव के परिणाम को कांग्रेस के पक्ष में ला सकें।
यहां जिला और जनपद पंचायतों में जीते भाजपा से जुड़े लोग पीसीसी चीफ कमलनाथ से टिकट को लेकर मिल रहे हैं लेकिन नाथ ने साफ कर दिया है कि पहले विधानसभा सीट के प्रभारी से फीडबैक लिया जाएगा, उसके बाद स्थानीय कांग्रेसियों की राय जानी जाएगी, तभी इन्हें पार्टी में शामिल करेंगे।

अरुण यादव बुंदेलखंड में सक्रिय, पटवारी के पास रायसेन जिले की जिम्मेदारी

ग्वालियर-चंबल में जौरा, मेहगांव, भांडेर, पोहरी, कोलारस, बमोरी, अशोकनगर विधानसभा सीटों पर जिला पंचायत और जनपद सदस्य कांग्रेस में आना चाहते हैं, लेकिन नेता प्रतिपक्ष डाॅ. गोविंद सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, विधायक जयवर्द्धन सिंह, केपी सिंह, फूल सिंह बरैया आदि के फीडबैक के बाद ही ये फाइनल होगा। मुंगावली से 3 बार विधायक रहे स्व. देशराज यादव के बेटे यादवेंद्र सिंह भाजपा से कांग्रेस में आ चुके हैं। सागर के सुरखी में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव से भाजपा से आने वालों के संबंध में फीडबैक लिया जा रहा है। यादव स्थानीय नेताओं के साथ अन्य दलों के नेताओं के संपर्क में हैं। उन्हेें छतरपुर की मलहरा सीट का जिम्मा भी दिया है। रायसेन की चारों सीटाें का जिम्मा विधायक जीतू पटवारी का है।