- डाक्टरों की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल, मेडिसिन विशेषज्ञ तक नहीं मौजूद
- उज्जैन की शिप्रा नदी में कान्ह का प्रदूषित पानी मिलने से रोकने के इंतजाम नहीं
- कटनी में किसान ने की आत्महत्या, कर्ज को बताया बर्बादी का कारण
- जिन्होंने नहीं भरा फार्म, उन्हें मिला वन सेवा के लिए साक्षात्कार का आमंत्रण
- कांग्रेस विधायक विपिन जैन ने मंदसौर की शिवना नदी की सफाई का बीड़ा उठाया
सिख कौम को बदनाम करने की कोशिशों को किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होने देंगे: सच सलूजा
‘गुरु घर की मर्यादा का पालन करवाना वहाँ के सेवादारों का कर्तव्य’

भोपाल – प्रदेश कांग्रेस कौमी एकता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और सिख यूथ एसोसिएशन ऑफ़ इंदौर के अध्यक्ष सचप्रीत सिंह (सच सलूजा) ने एक बयान में कहा कि किसान आंदोलन के बाद कुछ ताकतें इस देश में सिख कौम को बदनाम करने की संगठित कोशिशें कर रही हैं। किसान आंदोलन के बाद इस बात की आशंका भी सभी को थी। जो दरबार साहिब (अमृतसर)में वाकया हुआ है, वह धुव्रीकरण करने की एक सुनियोजित कोशिश नहीं तो और क्या है?
श्री सलूजा ने कहा कि हर धर्म स्थल पर दर्शन करने के अपने नियम व क़ायदे होते हैं, किसी भी गुरुद्वारा साहिब में छोटे कपड़ों में जाना व तम्बाकू, सुपारी ले जाना वर्जित है। गुरु घर की मर्यादा का पालन करवाना वहाँ के सेवादारों का कर्तव्य है। पूर्वनियोजित ढंग से ‘‘सिखों” को बदनाम कर देश को गुमराह किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि समूचा देश जानता है कि सिख क़ौम हमेशा सभी धर्मों को सम्मान देती आई है। देश की आज़ादी के आंदोलन में भी सिखों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता, कोविड जैसी महामारी में भी “गुरु का लंगर” कभी रुका नहीं और न ही कभी कोई मज़हबी रंग ऊस पर हावी हुआ, ऐसे में सिखों को बदनाम करने की ऐसी साजिशें घृणित और समाज में ज़हर घोलने जैसी हैं। समूची सिख कौम इन निम्नस्तरीय और निंदनीय साजिशों का पुरजोर विरोध करने के लिए प्रतिबद्ध है।