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नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़े पर हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी, कहा – राजनीतिक संरक्षण में हो रहा है फर्जीवाड़ा
ऐसे विद्यार्थियों को प्रवेश देकर परीक्षा कराई जा रही है, जो नर्सिंग का ‘न’ तक नहीं जानते – हाईकोर्ट

ग्वालियर – मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में चल रहे फर्जीवाड़े के मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में बहस के दौरान युगल पीठ ने तल्ख टिप्पणी की है। जजों ने कहा कि हमसे ज्यादा मत सुनिए, ये नर्सिंग कॉलेज राजनीतिक संरक्षण में चल रहे हैं।
हमें तो हैरत होती है कि ऐसे विद्यार्थियों को प्रवेश देकर परीक्षा कराई जा रही है, जो नर्सिंग का ‘न’ तक नहीं जानते हैं। काले धब्बों को रात ही रात में सफेद कर दिया जाता है। अब सिर्फ सरकार का दबाव परीक्षा कराने की ओर है। अब वहां कुछ नहीं दिखेगा। कोर्ट में महाधिवक्ता पैरवी करने के लिए आए हैं, इतने मात्र से परीक्षा कराने की अनुमति नहीं दे सकते हैं।
महाधिवक्ता कोर्ट में जो रिकार्ड लेकर आए थे, वह रिकार्ड CBI के अधिवक्ता राजू शर्मा को सुपुर्द कर दिए। 26 अप्रैल को CBI के अधिकारी को न्यायालय में उपस्थित रहने के लिए कहा है। कॉलेजों के रिकार्ड का सत्यापन CBI द्वारा कराया जाएगा। CBI कितने समय में रिकार्ड, विद्यार्थियों का सत्यापन कर सकती है, उस संबंध में समय बताना है। याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति रोहित आर्या व न्यायमूर्ति सतेंद्र कुमार सिंह ने की।
ऐसे समझिए पूरा मामला
असल में दिलीप कुमार शर्मा ने पोस्ट बेसिक BSC नर्सिंग प्रथम वर्ष व BSC नर्सिंग प्रथम वर्ष की परीक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट के संज्ञान में लाया कि मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर ने जुलाई 2022 से जनवरी 2023 के बीच कॉलेजों को संबद्धता दी। संबद्धता के बाद 11 से 18 फरवरी 2023 के बीच विद्यार्थियों का नामांकन किया गया। 28 फरवरी 2023 से परीक्षाओं की तारीख घोषित कर दी। परीक्षाएं सत्र 2019-20 व 2020-21 की कराई जा रही हैं। जिनकी परीक्षा कराई जा रही है, उन्होंने चार साल पहले प्रवेश लिया था। बैक डेट में संबद्धता दी गई है। विद्यार्थी भी सत्यापित नहीं हैं। इस परीक्षा पर कोर्ट ने रोक लगाई है, इस रोक को सरकार हटवाना चाहती है।
एक नजर में नर्सिंग कॉलेज मामला
- 2022-23 तक प्रदेश में 723 नर्सिंग कॉलेज संचालित हैं।
- हाई कोर्ट में 485 कॉलेजों का रिकार्ड दिया है।
- विवाद सत्र 2019-20 व 2020-21 की परीक्षा पर है।
- कॉलेज ने प्रवेश पहले दिए और मान्यता संबद्धता 2022 में मिली है।
- कितने फर्जी कॉलेज व विद्यार्थी हैं, उन्हें चिह्नित किया जाना है।