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दमोह में जिला शिक्षा अधिकारी पर स्याही पोतना राजनैतिक अराजकता – के.के. मिश्रा
सरकार बताये धर्मान्तरण के नाम पर शिक्षण संस्थाओं से अवैध वसूली कौन कर रहा है – के.के. मिश्रा

भोपाल – प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने एक स्कूल में धर्मान्तरण के नाम पर दमोह के जिला शिक्षा अधिकारी के मुंह पर स्याही पोतने की घटना को सत्तासीन भाजपा के संरक्षण में परोसी गई राजनैतिक अराजकता बताया है।
घटना की निंदा करते हुये मिश्रा ने भाजपा से जुड़े कतिपय नेता और एक आयोग के महत्वपूर्ण पद पर काबिज पदाधिकारी पूरे प्रदेश में धर्म विशेष द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं से धर्मान्तरण के नाम पर लाखांे-करोड़ों की अवैध वसूली भी कर रहे हैं। उन्हांेने भाजपा और राज्य सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि वह आसन्न विधानसभा चुनाव को दृष्टिगत रख वोटों की फसल काटने के लिए इस तरह के कुप्रचार का सहारा लेकर प्रदेश की फिजां बिगाड़ रही है। मिश्रा ने भाजपा और सरकार से कड़े प्रति प्रश्न किये हैं:-
- देश-प्रदेश में लव-जेहाद और धर्मान्तरण को लेकर पर्याप्त कानून मौजूद है तो उनका पालन क्यों नहीं हो रहा है?
- यदि ऐसी घटनाएं हो रही है तो 18 सालों से प्रदेश में कौन सी और किसकी सरकार काबिज है।
- दमोह के जिस स्कूल में कथित रूप से धर्मान्तरण की बात कही जा रही है उसे लेकर वहां के मौजूदा पुलिस अधीक्षक और जिला शिक्षा अधिकारी ने इस तरह की किसी घटना न होने की स्वीकारोक्ति कर क्लीनचिट क्यों दी? उनकी नियुक्ति तो सरकार ने की है?
- क्या यह भी गलत है कि कुछ वर्षों पूर्व इसी सरकार ने इसी स्कूल को लेकर ऐसी ही जांच शिकायत की जांच के बाद इसे क्लीनचिट देकर शिकायत को गलत पाया था?
- क्या यह भी मिथ्या है कि सागर के किशोर न्यायबोर्ड के सदस्य ओमकार सिंह जो इस स्कूल की जांच करने गये थे, उनके खिलाफ अड़ीबाजी की शिकायत तत्कालीन कलेक्टर से सही पायी गई थी, वे न्यायिक जांच में भी दोषी पाये गये हैं। इसके उपरांत उनके विरूद्व किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 4 की उपधारा 7 (1) के तहत कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया था? उनके विरूद्व सरकार ने क्या कार्यवाही की और वे किस अधिकार के तहत जांच करने गए।
- मिश्रा ने कहा कि सरकार यदि ईमानदार है तो उसने इन प्रश्नों का जबाव देना चाहिए। दस्तावेज संलग्न ।